ई-सिगरेट पर बैन लगाएंगे पुतिन, छोटे खिलाड़ियों के सामने खडे होकर की ऐसी घोषणा – russia vape ban putin supports restrictions on e cigarettes ntcprk

रूस देशभर में ई-सिगरेट जैसे वेप प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने की तरफ बढ़ रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वेप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को समर्थन देने के संकेत दिए हैं. यह प्रस्ताव सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े एक्टिविस्ट्स और सांसदों की तरफ से पेश किया गया था.
गुरुवार को रूस के समारा शहर में एक स्पोर्ट्स और एजुकेशन सेंटर की यात्रा के दौरान पब्लिक मूवमेंट ‘हेल्दी फादरलैंड’ की प्रमुख येकातेरिना लेशचिंस्काया ने राष्ट्रपति के सामने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने पड़ोसी देशों सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में वेप पर लगे प्रतिबंधों और उससे हुए फायदों का हवाला दिया.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पुतिन ने सहमति में अपना सिर हिलाया और बताया कि उपप्रधानमंत्री दिमित्री चेर्नीशेंको ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है.
पुतिन ने प्रस्ताव पर समर्थन जताते हुए कहा, ‘देखिए, चेर्नीशेंको भी सिर हिला रहे हैं. हमारी सरकार इसका समर्थन करती है.’ रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि कानूनी प्रतिबंध के साथ-साथ युवाओं में जागरूकता बढ़ाना भी बेहद जरूरी है.
रूसी न्यूज एजेंसी RIA नोवोस्ती के अनुमान के अनुसार, इस समय रूस में करीब 35 से 40 लाख लोग वेप का इस्तेमाल करते हैं. अगस्त में पुतिन ने निजनी नोवगोरोद क्षेत्र में एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, जिसमें क्षेत्रीय स्तर पर वेप बिक्री पर प्रतिबंध की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इस विचार को देश की उपभोक्ता संरक्षण एजेंसी रोस्पोट्रेबनादजोर ने भी समर्थन दिया है.
ई-सिगरेट बैन को लेकर रूसी संसद का रुख क्या है?
रूस की संसद ड्यूमा में भी इस प्रस्ताव को लेकर तेजी से सहमति बन रही है. ड्यूमा स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोडिन ने वेप्स को ‘लिक्विड जहर’ बताते हुए कहा कि यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा हैं. उनके मुताबिक, एक सर्वेक्षण में 2,65,000 में से 74% लोगों ने वेप पर पूर्ण प्रतिबंध का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि 2023 में नाबालिगों को वेप बेचने पर लगाए गए प्रतिबंध जैसे ‘आधे-अधूरे कदम’ नाकाफी साबित हुए हैं.
ड्यूमा के उपाध्यक्ष व्लादिस्लाव दावानकोव ने पुतिन की टिप्पणियों के बाद कहा, ‘वेप एक बुराई है. संसद जल्द ही इसकी बिक्री पर प्रतिबंध की समीक्षा करेगी.’
श्रम और सामाजिक नीति समिति के प्रमुख यारोस्लाव नीलोव ने भी जोर दिया कि वेप पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने कहा कि वेप का इस्तेमाल करने वालों की औसत उम्र लगातार घट रही है और इससे स्वास्थ्य को लेकर खतरे बढ़ रहे हैं.
हालांकि, प्रस्ताव के आलोचकों का कहना है कि पूर्ण प्रतिबंध से ब्लैक मार्केट को बढ़ावा मिल सकता है.
वित्त मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि इस प्रतिबंध से हर साल करीब 15 अरब रूबल (लगभग 189 मिलियन डॉलर) का राजस्व नुकसान हो सकता है. लेकिन सांसदों का तर्क है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, खासकर युवाओं का स्वास्थ्य पैसे से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है.
ड्यूमा सांसद दिमित्री गुसयेव ने टेलीग्राम पर लिखा, ‘हमारे लोगों, खासकर युवाओं का स्वास्थ्य, किसी भी व्यापारिक लाभ से ज्यादा अहम है.’
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