आप भी खरीद रहे Digital Gold? तो जरा रुकिए… ऑनलाइन सोना खरीदने वालों को SEBI ने दी बड़ी चेतावनी – Gold Warning SEBI alert Digital Gold investors says this big thing tutc

आज यूपीआई (UPI) ऐप्स हों या फिर तमाम बड़े ज्वेलरी ब्रांड्स, डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) ने देश के फिनटेक इकोसिस्टम में अपनी गहरी पकड़ी और जगह बना ली है. ऐसा हो भी क्यों न आखिर इस E-Gold को यूपीआई यूजर अब एक क्लिक में महज 10 रुपये खर्च करके भी खरीद सकता है, वो भी 24 Karat Gold. लेकिन ये ई-गोल्ड की खरीदारी आपको महंगी भी पड़ सकती है, ये हम नहीं कह रहे बल्कि खुल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने बड़ी चेतावनी (SEBI Warning On E-Gold) दी है.
SEBI के दायरे में नहीं ई-गोल्ड प्रोडक्ट
बीते कुछ समय में डिजिटल सोना की खरीदारी में जोरदार तेजी देखने को मिली है, इस बढ़ती सेल के बीच SEBI ने इसे लेकर निवेशकों के लिए बड़ा अलर्ट किया है. मार्केट रेग्युलेटर ने चेतावनी दी है कि ई-गोल्ड का बाजार में दायरा बढ़ा रहा है, लेकिन ये निवेशकों को जोखिम में डाल सकता है. एक प्रेस रिलीज में नियामक ने कहा है कि कुछ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म निवेशकों को ई-गोल्ड उत्पाद की पेशकश करते हैं, जो हमारे दायरे से बाहर हैं.ये Digital Gold न तो सिक्योरिटीज में नोटिफाई हैं और न ही कमोडिटी डेरिवेटिव्स के रूप में रेग्युलेटेड हैं.
पैसे फंसे, तो कोई नहीं आएगा काम
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट रेग्युलेटर ने जोर देते हुए कहा है कि ऐसे उत्पाद खरीदने वाले निवेशक सेबी-रेग्युलेटेड मार्केट्स में उपलब्ध किसी भी इन्वेस्टर सेफ्टी सिस्टम के दायरे में नहीं आएंगे. इसका सीधा मतलब है कि अगर इस खरीदारी में उनके साथ किसी भी तरह की कोई धोखाधड़ी होती है, ई-गोल्ड बेचने वाली कंपनी दिवालिया घोषित हो जाती है या निवेशकों के पैसे फंस जाते हैं, तो ऐसे विवादों की स्थिति में निवेशकों को सिक्योरिटी मार्केट सिस्टम के जरिए कोई मदद नहीं मिल पाएगी.
क्यों आकर्षित कर रहा E-Gold?
ई-गोल्ड या डिजिटल गोल्ड का सबसे ज्यादा आकर्षण खासतौर पर युवा और पहली बार निवेश करने वालों के बीच अधिक है. जो आसानी से कम कीमत पर इसे खरीद और बेच सकते हैं. सहूलियत की बात करें, तो निवेशक जितने रुपये का डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं, तो प्लेटफॉर्म उतनी ही मात्रा में फिजिकल गोल्ड रिजर्व कर देता है, खरीदार बाद में इसे ऑनलाइन भी बेच सकते हैं या फिर सिक्कों या बार के रूप में पा भी सकते हैं.
इस सेक्टर में काम करने वाली प्रमुख संस्थाओं में एमएमटीसी-पीएएमपी, सेफगोल्ड और ऑग्मोंट गोल्ड शामिल हैं. ये अपने उत्पादों को पॉपुलर फिनटेक प्लेटफॉर्म्स जैसे गूगल पे, पेटीएम, फोनपे, अमेजन पे, ग्रो, एयरटेल पेमेंट्स बैंक और जियो गोल्ड के अलावा तनिष्क डिजीगोल्ड, जोस अलुक्कास, कैरेटलेन और पीसी ज्वैलर्स जैसे ज्वेलरी ब्रांड्स के माध्यम से पेश करते हैं.
सेबी ने कहा- ‘यहां करें खरीदारी…’
एक्सपर्ट्स भी मानते हैं कि Digital Gold सुविधाजनक है, लेकिन इसमें जोखिम भी कम नहीं हैं. बीते कुछ समय में ज्वेलर्स द्वारा चलाई जाने वाली ऐसी तमाम सेविंग स्कीम्स को भी नियामक सुरक्षा उपायों के अभाव में जांच का सामना करना पड़ चुका है. SEBI गोल्ड में निवेश के लिए ईटीएफ (ETF) या ईजीआर (EGR) जैसे रेग्युलेटेड माध्यमों का इस्तेमाल करने की सिफारिश करता है, जो निवेशक सुरक्षा ढांचे के साथ मौजूद हैं.
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