पहलगाम हमले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया, कहा- ‘जनहित में सवाल उठाना जरूरी’


कांग्रेस कार्य समिति
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले पर कांग्रेस पार्टी ने गहरा शोक और कड़ी निंदा व्यक्त की है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक गंभीर रूप से घायल हो गए। कांग्रेस पार्टी ने दुख में डूबे परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए पूरी एकजुटता से उनके साथ खड़े होने की बात कही। कांग्रेस ने कहा “यह कायराना और सुनियोजित आतंकी हमला, जिसकी साजिश पाकिस्तान द्वारा रची गई, हमारे गणराज्य के मूल्यों पर सीधा हमला है। हिंदू नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना पूरे देश में भावनाएं भड़काने की एक सोची-समझी साजिश थी। हम इस गंभीर उकसावे के बावजूद शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और संकट की इस घड़ी में हमारी सामूहिक शक्ति को दोहराते हैं।”
कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस कार्यसमिति शांति की अपील करती है और सीमा-पार आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता और एकता के साथ लड़ने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराती है। कांग्रेस कार्यसमिति उन स्थानीय पोनिवालों और पर्यटक गाइडों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिनमें से एक ने पर्यटकों की रक्षा करते हुए शहादत दी। उनका यह वीरतापूर्ण बलिदान उस भारत की मूल भावना को सजीव करता है, जहां निःस्वार्थ सेवा, मानवता और एकता सर्वोपरि हैं।
हमले की जांच की मांग
कांग्रेस की तरफ से बताया गया है कि राष्ट्र की सामूहिक इच्छाशक्ति को अभिव्यक्त करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 22 अप्रैल की रात को ही माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया था। यह बैठक आज के लिए निर्धारित की गई है। यह ध्यान देने योग्य है कि पहलगाम एक अत्यंत सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है, जहां त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है। ऐसे में यह आवश्यक है कि इस केंद्रशासित प्रदेश, जो सीधे केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। इसमें हुए इस हमले की पृष्ठभूमि में सुरक्षा तंत्र की कमियों और व्यवस्थागत चूकों की विस्तृत और निष्पक्ष जांच की जाए। इन सवालों को जनहित में उठाना जरूरी है, ताकि प्रभावित परिवारों को न्याय होता हुआ स्पष्ट रूप से नजर आ सके।
अमरनाथ यात्रा को लेकर चिंता
कांग्रेस कार्यसमिति ने कहा कि अमरनाथ यात्रा शीघ्र ही प्रारंभ होने वाली है। देशभर से लाखों श्रद्धालु इस वार्षिक यात्रा में भाग लेते हैं और उनकी सुरक्षा को राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में देखा जाना चाहिए। इसके लिए ठोस, पारदर्शी और सक्रिय सुरक्षा उपाय तुरंत लागू किए जाने चाहिए। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा की जानी चाहिए, जिनका जीवन पर्यटन पर निर्भर करता है। यह कार्य पूर्ण ईमानदारी और गंभीरता के साथ किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि इस नरसंहार की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा सर्वसम्मति से निंदा की गई है।