बुमराह को लेकर पुरानी गलती रिपीट करेगी टीम इंडिया? एशिया कप खेलना होगा जोखिम भरा! – Asia Cup 2025 Workload concerns Will India make another Jasprit Bumrah mistake ntcpbm

एशिया कप 2025 से पहले टीम इंडिया के लिए राहत की खबर है. स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने टूर्नामेंट में खेलने की उपलब्धता जताई है. इंग्लैंड के खिलाफ हालिया 5 टेस्ट मैचों की सीरीज में उन्होंने तीन मुकाबले खेलकर 14 विकेट अपने नाम किए थे. हालांकि उन्होंने सीरीज में दो बार 5 विकेट चटकाए, लेकिन उनके वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर आलोचना भी हुई.
उन्होंने सीरीज का अंतिम टेस्ट नहीं खेला और भारत 1-2 से पीछे था, तब यह सवाल उठे कि क्या वह ‘मैच चुनकर’ खेल रहे हैं. इसके अलावा, दोनों बार जब उन्होंने 5 विकेट लिए, टीम हार गई – लीड्स और लॉर्ड्स में. इससे आलोचकों ने कहा कि इंग्लैंड की धरती पर उनकी मैच जिताने वाली धार गायब रही.
… फिटनेस पर सवाल जस के तस
बुमराह के केवल 3 टेस्ट खेलने और ‘बुमराह मैजिक’ न दिखने के बाद प्रशंसकों और विशेषज्ञों ने उनकी फिटनेस और टीम के प्रति समर्पण पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. अब एशिया कप में वह वापसी करेंगे और भारत को खिताब बचाने में मदद करना चाहेंगे.
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या बुमराह को इस टूर्नामेंट में उतारना समझदारी होगी? उनकी चोटों का इतिहास लंबा रहा है और टी20 टीम के युवा तेज गेंदबाज ने उनकी गैरमौजूदगी में अच्छा प्रदर्शन किया है. टी20 विश्व कप फाइनल के बाद से भारत ने 20 टी20 खेले और उनमें से 17 जीते.
अर्शदीप सिंह ने 11 मैचों में गेंदबाजी आक्रमण का नेतृत्व किया और अहम मौकों पर शानदार गेंदबाजी की. उनके साथ हर्षित राणा और आवेश खान जैसे गेंदबाज भी एशिया कप में मौके का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, प्रसिद्ध कृष्णा, जिसने आईपीएल 2025 में 25 विकेट लेकर पर्पल कैप जीती, भी दौड़ में शामिल हैं. उन्होंने इस साल की शुरुआत में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में भी प्रभाव छोड़ा.
स्पष्ट है कि बुमराह के बिना भी भारत के पास यूएई में खिताब बचाने की ताकत है, जहां की परिस्थितियां तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल नहीं होतीं.
इस साल की शुरुआत में दुबई में हुए चैम्पियंस ट्रॉफी अभियान में भी भारत ने सिर्फ एक विशेषज्ञ तेज गेंदबाज खिलाया था और हार्दिक पंड्या जैसे ऑलराउंडर के सहारे आक्रमण किया था. स्पिनरों से भरी यही रणनीति एशिया कप में भी अपनाई जा सकती है.
तो फिर बुमराह की जरूरत क्यों है?
दरअसल, भारत को अक्टूबर-नवंबर में वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चार अहम घरेलू टेस्ट खेलने हैं. ये मुकाबले वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अंक जुटाने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं, खासकर अश्विन के संन्यास के बाद. नई कप्तानी में शुभमन गिल को घरेलू मैदान पर टीम को मजबूत करना होगा.
टी20 क्रिकेट में बुमराह को खुद को साबित करने की कोई जरूरत नहीं. उनकी वापसी को सीधे टी20 विश्व कप 2026 से पहले तय करना ज्यादा सही हो सकता है. एशिया कप के बाद भी 10 से अधिक टी20 मैच तय हैं, जिनसे वह अपनी लय और फिटनेस वापस पा सकते हैं.
इंग्लैंड सीरीज में बुमराह के शारीरिक संघर्ष साफ दिखे- पहली बार उन्होंने एक पारी में 100 रन लुटाए और बीच मैच में पिंडली पकड़ते भी नजर आए. अगर एशिया कप के दौरान उनका शरीर जवाब दे गया, तो भारत उन्हें 6-8 महीने के लिए खो सकता है. यह टी20 विश्व कप अभियान के लिए बड़ा झटका होगा.
वर्कलोड मैनेजमेंट में पहले भी गड़बड़ी
उनके वर्कलोड मैनेजमेंट में पहले भी गड़बड़ी रही है. 2024-25 सीजन में उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट में खिलाया गया, जहां आराम दिया जा सकता था. उसके बाद उन्हें न्यूजीलैंड दौरे पर धकेला गया, जिससे ऑस्ट्रेलिया में चोटिल होकर चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर होना पड़ा.
कभी यह सोचना भी मुश्किल था कि भारत का कोई तेज गेंदबाज सभी प्रारूपों में सर्वश्रेष्ठ माना जाएगा, बुमराह ने यह सपना पूरा किया है. वह एक पीढ़ी में मिलने वाली प्रतिभा हैं और उनका खास ख्याल रखना ही समझदारी है, चाहे शरीर नाज़ुक ही क्यों न हो.
प्रशंसकों और विशेषज्ञों को भी उनके साथ धैर्य दिखाना चाहिए. उनकी अनोखी गेंदबाजी शैली और उसका शरीर पर पड़ने वाला असर वास्तविकता है, जिसे समझने की जरूरत है, न कि आलोचना करने की.
—- समाप्त —-
Source link