भारत-चीन के बीच सीमा मैनेजमेंट को लेकर बनी सहमति, वांग यी की यात्रा के बाद चीनी विदेश मंत्रालय का बयान – Consensus reached between India and China on border management Chinese Foreign Ministry statement after Wang Yi visit ntc

चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी कि विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत-चीन ने सीमा प्रबंधन और नियंत्रण पर नया समझौता किया है. वांग यी 18 से 19 अगस्त तक नई दिल्ली दौरे पर आए थे. इस दौरान उन्होंने भारत के एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत की.
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में संवाद तंत्र को फिर से शुरू करने, पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को गहरा करने, बहुपक्षवाद को बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटने और एकतरफा धमकियों का विरोध करने पर सहमति जताई.
माओ ने कहा, ‘सीमा के प्रश्न पर दोनों पक्षों ने नए साझा समझौतों पर सहमति जताई. जिसमें सामान्यीकृत प्रबंधन और नियंत्रण, सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखना, संवेदनशील क्षेत्रों को उचित रूप से संबोधित करना और जहां शर्तें अनुकूल हों वहां सीमा वार्ता शुरू करना शामिल है.’
मजबूत हो रहे हैं भारत-चीन के संबंध
माओ ने बताया कि वांग ने अपनी बैठकों में ये भी उल्लेख किया कि वर्तमान परिस्थितियां भारत-चीन संबंधों के रणनीतिक महत्व और द्विपक्षीय सहयोग के रणनीतिक मूल्य को और अधिक उजागर करती हैं जो संभवतः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों का जिक्र था.
प्रधानमंत्री मोदी के साथ वांग की बैठक के बारे में विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि वांग ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेगें पीएम मोदी
वांग ने 31 अगस्त और 1 सितंबर को चीन के तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी के दौरे का स्वागत किया.
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले साल रूस में मोदी और शी के बीच हुई सफल बैठक ने चीन-भारत संबंधों की बहाली और नई शुरुआत के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया है.
वांग ने मोदी से कहा कि दोनों पक्षों ने दोनों देशों के नेताओं द्वारा पहुंचे गए महत्वपूर्ण साझा समझौतों को गंभीरता से लागू किया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध सुधार और विकास के एक नए रास्ते पर आगे बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि ये आसानी से हासिल नहीं हुआ है और इसे संजोकर रखना चाहिए.
भारत-चीन के रिश्ते में आए उतार-चढ़ाव
वांग ने कहा कि उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की तैयारी करना भी था. वांग ने जोर देकर कहा कि भारत-चीन संबंधों में उतार-चढ़ाव आए हैं और इससे सीखे गए सबक को याद रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि परिस्थितियों से कोई फर्क नहीं पड़ता, दोनों पक्षों को साझेदार के रूप में सही स्थिति बनाए रखनी चाहिए, ना कि प्रतिद्वंद्वी के रूप में और मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से प्रबंधित करना चाहिए, ताकि सीमा विवाद दोनों देशों के समग्र संबंधों को प्रभावित न करें.
उन्होंने कहा, ‘वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति में भारत-चीन संबंधों का रणनीतिक महत्व तेजी से उभर रहा है और भारत-चीन सहयोग का रणनीतिक मूल्य और भी उल्लेखनीय है.’
विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों पक्ष दोनों देशों के नेताओं द्वारा पहुंच गए महत्वपूर्ण साझा समझौतों को गंभीरता से लागू करेंगे, विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग को मजबूत करेंगे और भारत-चीन संबंधों के स्थिर और दीर्घकालिक विकास को बढ़ावा देंगे.
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