‘चीन से नदीकियां बढ़ा रहा भारत’, रूस से तेल खरीदने पर व्हाइट हाउस ट्रेड सलाहकार ने सरकार की आलोचना – White House trade adviser criticizes government buying oil from Russia ntc

व्हाइट हाउस के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका को लेकर तीखा हमला बोला है. उन्होंने भारत पर रूसी तेल खरीदने और इसे रिफाइनरी में मुनाफे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने भारत को रूस के लिए “लॉन्ड्रोमैट” (स्वयं-सेवा लॉन्ड्री) करार दिया और कहा कि ट्रंप 27 अगस्त को भारत पर दोगुना आयात टैरिफ लगाने की समय सीमा को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं हैं. साथ ही उन्होंने भारत-चीन के रिश्ते पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारत इन दिनों चीन के करीब जा रहा है.
भारत स्वीकार नहीं करना चाहता अपनी भूमिका
नवारो ने मीडिया से कहा, “ये कहना बकवास है कि भारत को रूसी तेल की जरूरत है. ये रिफाइनरी मुनाफाखोरी का एक खेल है. अब छह दिन बचे है, मैं देख रहा हूं. ऐसा लगता है कि भारत इस पूरे घटनाक्रम में अपनी भूमिका स्वीकार नहीं करना चाहता, लेकिन ट्रंप इस बार दोगुना टैरिफ की समय सीमा आगे बढ़ने के मूड में नहीं है. अब वह (भारत) चीन (शी जिनपिंग) के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ा रहा है.
‘ये मुनाफाखोरी है’
उन्होंने आरोप लगाया कि भारत अमेरिका से व्यापार के जरिए कमाए पैसों का इस्तेमाल रूसी तेल खऱीदने में करता है, जिसे रिफाइन कर मुनाफा कमाता है. जबकि रूस इस पैसे का इस्तेमाल हथियार बनाने और यूक्रेन में लोगों को मारने के लिए करता है, जिसके कारण अमेरिकी टैक्स प्रेयरों को यूक्रेन की रक्षा के लिए अधिक सैन्य सहायता देनी पड़ती है. ये एक प्रकार से पागलपन है.
‘नरेंद्र मोदी महान नेता हैं’
उन्होंने भारत की आलोचना के साथ-साथ सरकार के नेतृत्व की तारीफ भी की. उन्होंने कहा, ‘मुझे भारत से प्यार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक महान नेता हैं, लेकिन भारत अपनी वैश्विक अर्थव्यवस्था में भूमिका को समझें. आप अभी जो कर रहे हैं, वह शांति नहीं ला रहा, बल्कि युद्ध को बढ़ावा दे रहा है.’
उन्होंने जोर देकर कहा कि शांति का रास्ता नई दिल्ली से होकर गुजरता है, लेकिन भारत को रूस को आर्थिक जीवन देना बंद करना होगा.
भारत है टैरिफ का महाराजा: नवारो
नवारो ने भारत को महाराजा ऑफ टैरिफ करार देते हुए कहा कि भारत अमेरिकी सामानों पर सबसे ज्यादा आयात शुल्क और गैर-शुल्क बाधाएं लगाता है. हम भारत के साथ व्यापार घाटे में हैं जो अमेरिकी श्रमिकों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाता है. भारत हमारे साथ व्यापार से कमाए गए पैसे से रूसी तेल खरीदता है, जिसे रिफाइन मुनाफा कमाता है.
नवारो की ये टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ ऊर्जा संबंधों को लेकर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत की आलोचना का जवाब दिया है और कहा है कि अमेरिका ने खुद नई दिल्ली से रूसी तेल खरीदकर वैश्विक ऊर्जा बाजारों को स्थिर करने में मदद करने को कहा है.
इससे पहले नवारो ने फाइनेंशियल टाइम्स में एक लेख लिखकर भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल की खरीद को लेकर उसकी कड़ी आलोचना की थी उन्होंने कहा था कि ये तर्क कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए रूसी तेल की जरूरत है, ये बेतुका है.
आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस महीने की शुरुआत में भारत पर 25% अतिरिक्त आयात शुल्क लगाया, जिससे भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये कदम भारत की रूसी तेल खरीदने के चलते उठाया है. तो वहीं, भारत ने इस टैरिफ को अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया है.
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