Thursday 16/ 10/ 2025 

हरदीप पुरी का ऐतिहासिक फैसला, गुरु गोबिंद सिंह जी का पवित्र जोड़ा श्री पटना साहिब को करेंगे भेंटRashmi Bansal’s column: Do something for society beyond your family | रश्मि बंसल का कॉलम: अपने प​रिवार के अलावा इस समाज के लिए भी कुछ कीजिएदिवाली पार्टी में एक साथ दिखीं- अलाया और मानुषीबिहार SIR पर सुप्रीम कोर्ट में बोला चुनाव आयोग- 'याचिकाकर्ता चुनाव प्रक्रिया में रुकावट डालना चाहते हैं'Neeraj Kaushal’s column: Non-violent protests hold even greater potential for success | नीरज कौशल का कॉलम: अहिंसक विरोध से सफलता की गुंजाइश आज भी अधिकRohit और Kohli को Shastri ने दी सलाह!ब्राजील की रक्षा करेगा भारत का 'आकाश'! डिफेंस डील को लेकर अहम चर्चा, राजनाथ सिंह ने दी जानकारीNavneet Gurjar’s column: Bihar is in the electoral frenzy, and it’s not! | नवनीत गुर्जर का कॉलम: बिहार में चुनावी बहार! है भी, नहीं भी!संघ के 100 साल: संघ के पहले सरकार्यवाह बालाजी जो बन गए थे कम्युनिस्टों के ‘जॉन स्मिथ’ – sangh 100 years story first sar karyavah balaji huddar communist ideology ntcpplइस बार दिवाली होगी ग्रीन पटाखों वाली, SC ने तय किए हैं खास नियम, पटाखे जलाने से पहले पढ़ लें पूरी गाइडलाइंस
देश

Pt. Vijayshankar Mehta – Men and women will have to adapt to the new normal | पं. विजयशंकर मेहता: स्त्री और पुरुष को न्यू नार्मल  के प्रति सहज होना पड़ेगा

  • Hindi News
  • Opinion
  • Pt. Vijayshankar Mehta – Men And Women Will Have To Adapt To The New Normal

5 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

पति-पत्नी के सम्बंधों की न तो कोई स्थायी व्याख्या हो सकती है, और न ही तयशुदा परिभाषा। दाम्पत्य निजी अनुभव है। जितने जोड़े, उतने सिद्धांत। जितने पति-पत्नी, उतने ही अलग-अलग ​किस्से। प्रबंधन की दुनिया में एक शब्द चलता है- न्यू नॉर्मल। इसका सीधा मतलब किसी आपात और अप्रिय स्थिति के बाद की सामान्य दशा है।

अब इस रिश्ते में भी स्त्री और पुरुष को भी न्यू नार्मल के प्रति सहज और स्वीकृत होना पड़ेगा। रात को हुआ फसाद सुबह प्रेम-वार्तालाप में बदल सकता है। और सुबह का प्रेम शाम होते-होते उपद्रव में तब्दील हो जाएगा। इस​लिए न्यू नॉर्मल की उम्मीद बनाए रखें। प्रबंधन के लोग कहते हैं कि जब ओपन डिस्कशन हो तो हाई ईक्यू यानी इमोशनल कोशेंट बनाए रखना चाहिए।

यह बात पति-पत्नी को भी समझनी होगी। पहले के जोड़ों में निर्णय किसी एक के हाथ होता था, और खासतौर पर पुरुष के।​ पर अब दोनों डिसीजन-मेकिंग की स्थिति में हैं, क्योंकि अब इस रिश्ते की डोर बहुत महीन हो गई है और जरा से दबाव में भी टूट सकती है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL