मुर्शिदाबाद हिंसा का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच की मांग के लिए जनहित याचिका दायर


सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर।
मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। देश की सर्वोच्च अदालत में इस मामले को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस जनहित याचिका में मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है। इसके अलावा याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग भी की गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के वकील शशांक शेखर झा ने यह जनहित याचिका दाखिल की है।
मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा
दरअसल, संसद के दोनों सदनों में वक्फ संशोधन अधिनियम पास होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के साथ ही यह कानून बन गया। इसके बाद से देशभर के अधिकांश मुस्लिम संगठन इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में वक्फ एक्ट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी मुर्शिदाबाद में उग्र हो गए। प्रदर्शनकारियो ने पुलिस की टीम पर भी हमला किया। इस दौरान आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं। मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियां, शमशेरगंज और जंगीपुर इलाकों में शुक्रवार से भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इसके बाद से इलाके में बीएसएफ की भी तैनाती की गई है।
मजूमदार ने विस्थापित लोगों से की मुलाकात
वहीं भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने इस मामले में हिंदुओं पर अत्याचार का आरोप लगाया है। उन्होंने मालदा के एक स्कूल में स्थापित राहत शिविर का दौरा भी किया। उन्होंने कहा कि इस राहत शिविर में मुर्शिदाबाद से आए लोगों ने शरण ली है। उन्होंने यहां पर रुके लोगों से मुलाकात भी की। इस दौरान कई महिलाएं सुकांत मजूमदार से मुलाकात कर रो पड़ीं। पीड़ितों का कहना है कि ‘‘उनके घरों को आग लगा दी गई, संपत्ति नष्ट कर दी गई और उन्हें जान से मारने की धमकियां दी गईं। एक महिला ने अपने चार दिन के बच्चे के साथ यहां शरण ली है।’’
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