Friday 25/ 04/ 2025 

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सिंधु जल समझौता पर रोक से परेशान पाकिस्तान, शिमला समझौता रद्द करने की दे रहा धमकी, जानिए क्या है ये एग्रीमेंट

भारत के सिंधु जल समझौता पर रोक के जवाब में पाकिस्तान शिमला समझौता रद्द करने की धमकी दे रहा है।

भारत के सिंधु जल समझौता पर रोक के जवाब में पाकिस्तान शिमला समझौता रद्द करने की धमकी दे रहा है।

Shimla Agreement: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। भारत ने पहली बार पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता को रोक दिया है। इसके साथ ही भारत ने पाकिस्तान पर एक के बाद एक कई और पाबंदियां लगाई हैं। इसके जवाब में पाकिस्तान ने हिंदुस्तानियों को 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा है, तो वहीं शिमला समझौते को खत्म करने धमकी दे रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं, क्या है शिमला समझौता?

यह समझौता 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद हुआ था, जिसमें पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली थी और पूर्वी पाकिस्तान (जो अब बांग्लादेश है) एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया था। इस युद्ध के दौरान भारत ने लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बना लिया था। इसी पर बातचीत के लिए  पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो शिमला आए थे।

शिमला समझौता, भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय समझौता है। 2 जुलाई 1972 को भारत के हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने इस समझौते से जुड़े दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए थे, इसीलिए इसे शिमला समझौता कहा जाता है।

शिमला एग्रीमेंट में क्या-क्या है?

मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की बात: भारत और पाकिस्तान अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करेंगे। दोनों देश किसी भी विवाद को द्विपक्षीय वार्ता के जरिए सुलझाएंगे, ना कि बल प्रयोग या युद्ध के जरिए।

लाइनों को यथास्थिति में बनाए रखने की बात: युद्ध के बाद जो नियंत्रण रेखा (LoC) बनी, उसे दोनों पक्षों ने मान्यता दी और किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई नहीं करने पर समझौता हुआ।

युद्धबंदियों की रिहाई: भारत ने पकड़े गए पाकिस्तानी सैनिकों को मानवता के आधार पर रिहा करने की बात मानी।

कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय रहेगा: इस समझौते के तहत ये तय हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर सहित सभी मुद्दे सिर्फ आपसी बातचीत से सुलझाए जाएंगे, न कि अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से।

एग्रीमेंट खत्म हुआ तो क्या कर सकता है पाकिस्तान?

अगर भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ शिमला समझौता (1972) खत्म होता है, तो पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र या अन्य देशों के सामने जोर-शोर से उठाएगा। LoC पर संघर्षविराम की स्थिति और शांति भंग हो सकती है। ऐसे में भारतीय सेना को ज्यादा चौकन्ना रहना पड़ेगा। 

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