Pt. Vijayshankar Mehta’s column – Got the opportunity to do work, this is the biggest success | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: कर्म करने का अवसर मिला, यही सबसे बड़ी सफलता है

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1 घंटे पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
हम सब सफल होना चाहते हैं और सारे प्रयास उसी के लिए करते हैं। जरा-सी असफलता मिल जाए, मनुष्य निराश हो जाता है। अब इसमें एक विचार करके देखें कि सफलता की खुशी उसके प्राप्त होने में है या प्रयास करने में है? अधिकांश लोग कहते हैं कि जब सफलता प्राप्त होती है, तभी खुशी मिलती है। लेकिन असफल हुए तो? तो जब भी कोई कर्म हाथ में लें, अपने को मानसिक रूप से तैयार करें कि हमारे प्रयास में भी हम उसी खुशी को महसूस करेंगे, जो अंत में सफलता प्राप्त करने पर मिलेगी।
हमें कर्म करने का अवसर मिला, यही सबसे बड़ी सफलता है। यही जीत है। यही प्रसन्नता है। जो होगा, वो अपनी जगह होगा। लेकिन हम परिणाम के प्रति अत्यधिक आशान्वित, शंकित और भयभीत हो जाते हैं। और याद रखिए, आत्मविश्वास, दूरदर्शिता और शिक्षा- भय के कारण बंद मुट्ठी की अंगुलियों से भी रिस जाते हैं। निर्भय होकर प्रयास करें, क्योंकि परिणाम और प्रयास दोनों में आनंद उठाना हम जानते हैं- यही बात श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कही थी।
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