Thursday 28/ 08/ 2025 

‘कच्चातिवु श्रीलंका का हिस्सा और रहेगा…’, एक्टर विजय के बयान पर श्रीलंकाई विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया – katchatheevu dispute sri lanka foreign minister response actor vijay ntcजम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में बारिश से भारी तबाही, वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में 34 की मौतट्रंप के शांति के दावे की खुली पोल, भारत-पाक युद्ध और वेनेजुएला पर सवाल, देखें'धर्म की रक्षा करने से ही सब की रक्षा होती है', RSS प्रमुख मोहन भागवत का बयान‘मुझे लगता है हम भारत के साथ मिलकर काम करेंगे…’, 50% टैरिफ लागू होने के बाद बोले अमेरिकी मंत्री – us india extra tariffs 50 percent donald trump Scott Bessent ntc'अमेरिका की सामाग्रियों का शुरू करें बहिष्कार', टैरिफ के मामले पर स्वामी रामदेव की अपीलNew Income Tax Bill Explained; Old Regime vs New Regime – DTC | IT Slabs | आज का एक्सप्लेनर: ओल्ड टैक्स रिजीम को मौत का इंजेक्शन, सरकार क्यों चाहती है लोग ज्यादा पैसे खर्च करें; क्या इससे नुकसान होगाभिंड में कलेक्टर और विधायक के बीच तनातनी'सेना को 5 साल तक के युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए', रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने क्यों कही ऐसी बात?N. Raghuraman’s column – How to start intelligently showcasing your capabilities at the office? | एन. रघुरामन का कॉलम: दफ्तर में अपनी क्षमता के बुद्धिमानी भरे प्रदर्शन का श्रीगणेश कैसे करें?
देश

N. Raghuraman’s column – How to start intelligently showcasing your capabilities at the office? | एन. रघुरामन का कॉलम: दफ्तर में अपनी क्षमता के बुद्धिमानी भरे प्रदर्शन का श्रीगणेश कैसे करें?

  • Hindi News
  • Opinion
  • N. Raghuraman’s Column How To Start Intelligently Showcasing Your Capabilities At The Office?

12 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

वे सुपर-डुपर मेहनतकश महिला कर्मचारी हैं। सुबह 6.52 पर यह सुनिश्चित करने के बाद कि उनका बच्चा स्कूल बस में बैठ गया, वे दौड़ती हुई घर आती हैं। कॉफी गर्म करती हैं, हॉल के कोने में रखी बार चेयर पर बैठती हैं और करीब 7 बजे क्लाइंट मीटिंग में शामिल होने के लिए अपना वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग टूल शुरू करती हैं। यह मीटिंग उनके लिए जल्दी है, लेकिन क्लाइंट के लिए नहीं, जो उस टाइम जोन में कार्यरत है, जहां सुबह के 10 बज रहे हैं।

इन मीटिंग्स के कारण कभी-कभार वे दफ्तर में लेट हो जाती हैं, जो सुबह ठीक 9 बजे खुलता है। और जब वे ऑफिस में घुसती हैं तो किसी अनजान-से कारण से सकुचाई हुई चलने लगती हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से आंखें चुराती हैं। यह जानते हुए भी कि वे सुबह से काम ही कर रही हैं और यहां तक कि पति के नाश्ते में एक चीज देना भूल गईं, और तब उनके दिमाग और शरीर की ऊर्जा अजीब हो जाती है।

वे ऐसा क्यों महसूस करती हैं? इसके कई कारण हैं : 1. क्योंकि वे देखती हैं कि दफ्तर पहले ही जोर-शोर से शुरू हो चुका है, इससे उनका दिमाग अलग तरीके से चलने लगता है। 2. हर सफल व्यवसाय में बॉस जल्दी आते हैं और कर्मचारी कोशिश करते हैं कि बॉस आएं तो उनकी नजरें हम पर पड़ें। 3. कई लोग लेट आने की वजह से देर तक ऑफिस में रुककर भरपाई करते हैं, लेकिन बॉस को लगता है आप काम में पिछड़ रहे हैं।

अब उन्हीं महिला को अपने बच्चे को लेने के लिए दोपहर 4 बजे ऑफिस से निकलना होता है। मां को पता है बच्चा भूखा है। हालांकि, वो सुरक्षित है और परिसर के अंदर ही इंतजार कर रहा होगा, क्योंकि सुरक्षाकर्मियों को इस बारे में बताया गया है। इसलिए वे ऑफिस से निकल जाती हैं, जो आमतौर पर शाम 5:30 बजे बंद होता है।

जबकि कुछ लोग और देर तक रुकते हैं। ऑफिस से 90 मिनट पहले निकलने की भरपाई और देर तक रुकने वालों की बराबरी के​ लिए भी वे उन अमेरिकी क्लाइंट्स को अटेंड करती हैं, जो भारतीय समयानुसार शाम 7:30 बजे अमेरिका स्थित अपने कार्यालय पहुंचते हैं।

कभी-कभार वे भारतीय समयानुसार रात के 11 बजे तक उनसे मीटिंग करती हैं और इस सब के बारे में अपने बॉस को मेल पर अपडेट देती हैं। हालांकि, अब जब वे सोने जाती हैं तो उनमें वह अजीब-सी भावना नहीं होती, जो सुबह दफ्तर में घुसते हुए थी।

अब उन्हें वैसा अहसास क्यों नहीं होता। 1. क्योंकि हमेशा ईमेल पर रहने वाले बॉस तुरंत कुछ शाबासी भरे शब्दों के साथ जवाब देते हैं, जिनसे गर्व होता है। दिमाग शांत होता है और वे तुरंत सो जाती हैं। 2. दिल कहता है, ‘बॉस मेरे देरी से पहुंचने पर नाराज नहीं हैं।’ 3. उन्हें लगता है वे अचीवर हैं, क्योंकि मां, कर्मचारी और पत्नी की सभी भूमिकाएं अच्छे से निभाई हैं। तो वे क्या कर सकती थीं?

1. उन्हें क्लाइंट को कॉल करके कहना चाहिए कि उनके घर के इलाके में इंटरनेट कनेक्शन खराब है और मीटिंग को ऑफिस टाइम से 15 मिनट पहले 8.45 बजे री-शेड्यूल करना चाहिए।

2. ऐसा करने से वे बॉस के आने से पहले ही कार्यालय में दिखने लगेंगी और बॉस ही उसे सबसे पहले देखने वाले व्यक्ति होंगे।

3. इस री-शेड्यूलिंग का सीधा असर ये होगा कि वे ऑफिस से बिना अपराधबोध के निकल सकेंगी।

4. उन्हें मीटिंग रात 9:30 बजे ही खत्म कर देनी चाहिए, क्योंकि अमेरिकी क्लाइंट कर्मचारियों के निजी समय का सम्मान करते हैं। 5. इसके बाद ईमेल का जवाब देने से लगेगा कि वे अभी भी बॉस के लिए काम कर रही हैं, जबकि उन्हें बॉस के जवाब का इंतजार नहीं करना चाहिए।

6. इससे सोने से पहले दो घंटे का क्वालिटी फैमिली टाइम मिलेगा।

7. अंतत:, यह उन्हें पेशेवर बनाएगा और वे ‘ऑलवेज वर्किंग’ कर्मचारी के तौर पर बॉस की नजरों में रहेंगी।

फंडा यह है कि प्रोडक्टिविटी थिएटर (ऑफिस) में- जहां हर कोई विजिबिलिटी का खेल खेल रहा है- आपको काम पर दिखने के समय और प्रोडक्टिविटी में तालमेल बैठाने की जरूरत है। यह श्रेय लेने का एक बुद्धिमानी भरा तरीका हो सकता है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL