Minhaj Merchant’s column – A good opportunity for India to explore new options | मिन्हाज मर्चेंट का कॉलम: भारत के सामने नए विकल्पों को तलाशने का अच्छा मौका

- Hindi News
- Opinion
- Minhaj Merchant’s Column A Good Opportunity For India To Explore New Options
3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

मिन्हाज मर्चेंट, लेखक, प्रकाशक और सम्पादक
एससीओ समिट में मोदी की जिनपिंग और पुतिन के साथ बैठकें भारत के वैश्विक विकास में एक नए चरण का प्रतीक हैं। जैसा कि ब्रिटेन के द इकोनॉमिस्ट- जो अन्यथा भारत और मोदी का कठोर आलोचक है- ने भी अपने नवीनतम अंक में स्वीकारा है कि अमेरिका द्वारा भारत को अलग-थलग करना एक बहुत बड़ी भूल है। ऐसे में यह भारत के लिए एक नए अवसर का क्षण है। यह इस बात का निर्णायक परीक्षण भी है कि भारत किस प्रकार की महाशक्ति बनेगा। उधर ट्रम्प ने 25 वर्षों की अमेरिकी कूटनीति को विफल कर दिया है।
अमेरिका ने हमें दंडित करने के लिए निर्यात पर 50% टैरिफ लगाया था, लेकिन यह हमारे लिए वरदान साबित हो सकता है। यह हमारी निर्यात कंपनियों को जापान, मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया सहित अन्य बाजारों की तलाश के लिए प्रेरित करेगा।
हां, यह अमेरिकी बाजार पर निर्भर छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए अल्पकालिक परेशानी का कारण जरूर बनेगा, लेकिन आधिकारिक स्तर पर बातचीत के बाद टैरिफ की दरों में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है। अलबत्ता इसमें कुछ महीने लग सकते हैं।
भारत-अमेरिका संबंध केवल व्यापार ही नहीं, बल्कि कई अन्य मुद्दों पर भी आधारित हैं, जैसे रक्षा, समुद्री सुरक्षा और प्रौद्योगिकी। चीन में मोदी-शी और मोदी-पुतिन की बैठकों को देखते हुए अमेरिकी दूतावास ने 1 सितंबर को पोस्ट किया कि अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है, यह 21वीं सदी का एक निर्णायक संबंध है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसके तुरंत बाद कहा, दोनों देशों के लोगों के बीच स्थायी मित्रता हमारे सहयोग की नींव है और हमें आगे बढ़ाती है क्योंकि हम अपने आर्थिक संबंधों की अपार संभावनाओं को समझते हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने कोशिशें की थीं कि अंतरराष्ट्रीय चर्चाओं में उसका नाम भारत के साथ लिया जाए, लेकिन उसने खुद को 19% टैरिफ के साथ कंबोडिया की श्रेणी में पाया है। असीम मुनीर ने युद्ध में पाकिस्तान की अपमानजनक हार के बावजूद शाहबाज शरीफ को उन्हें फील्ड मार्शल घोषित करने के लिए मजबूर करके पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान का मजाक ही उड़वाया।
दूसरी तरफ द इकोनॉमिस्ट ने भारत पर ट्रम्प के 50% टैरिफ को एक भारी भूल बताया। अमेरिका में ही ट्रम्प के खिलाफ दो मुद्दों पर विरोध बढ़ रहा है। पहला, ट्रम्प द्वारा अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पहली अश्वेत गवर्नर लिसा कुक सहित शीर्ष संस्थागत नेताओं को बर्खास्त करना।
कुक ने पिछले हफ्ते ट्रम्प पर बिना किसी कारण के बर्खास्तगी का मुकदमा दायर किया था। दूसरा, वॉशिंगटन डीसी में सशस्त्र नेशनल गार्ड के संघीय अधिकारियों के मातहत कानून प्रवर्तन एजेंसियों को तैनात करने के फैसले से भी राजधानी में आक्रोश है।
लेकिन भारत के लिए यह आगे देखने का समय है। ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत के साथ व्यापारिक संबंध बनाने के इच्छुक हैं। ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने हाल ही में कहा कि वे भारत को शानदार अवसरों से भरा देश मानते हैं।
उन्होंने भारत पर ट्रम्प के दंडात्मक शुल्कों के तर्क को खारिज करते हुए घोषणा की कि ऑस्ट्रेलिया भारत में निवेश बढ़ाने का इच्छुक है। ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण खनिजों और रेयर अर्थ तत्वों के मामले में भाग्यशाली है। उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा या दूसरा सबसे बड़ा महत्वपूर्ण खनिजों और रेयर अर्थ तत्वों का भंडार है।
अमेरिकी अधिकारियों ने निजी तौर पर कहा है कि अगर भारत रूसी तेल का आयात बंद कर देता है तो 50% टैरिफ हटा लिया जाएगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि रूसी तेल का आयात कम करने के बजाय भारत उलटे उसे 30% बढ़ाकर 20 लाख बैरल प्रतिदिन कर रहा है।
साथ ही, भारत अपने निर्यात बाजार में विविधता लाने के लिए 50 से ज्यादा देशों का उपयोग कर रहा है। लगभग 25% भारतीय माल निर्यात के लिए अमेरिका पर निर्भर रहने के दिन अब खत्म हो गए हैं। एक व्यापक ग्लोबल बास्केट जोखिम को घटाएगा और भारत की किसी एक देश पर निर्भरता को कम करेगा।
भारत की संभावनाओं का उत्साहजनक आकलन करते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शुक्रवार को कंपनी की वार्षिक आम बैठक में घोषणा की कि भारत की अर्थव्यवस्था में 10% की वार्षिक दर से बढ़ने की क्षमता है। इसके कुछ घंटों बाद वित्त मंत्रालय ने खुलासा किया कि हमारी अर्थव्यवस्था ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही में 7.8% की वृद्धि के अनुमान को पार कर लिया है।
भारत अपने निर्यात बाजार में विविधता लाने के लिए 50 से ज्यादा देशों का उपयोग कर रहा है। लगभग 25% माल निर्यात के लिए अमेरिका पर निर्भर रहने के दिन अब खत्म हो गए हैं। एक व्यापक ग्लोबल बास्केट जोखिम को घटाएगा। (ये लेखक के अपने विचार हैं)
Source link