Thursday 28/ 08/ 2025 

उत्तराखंड में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के लिए भी चेतावनी जारी, यूपी-बिहार में राहतPt. Vijayshankar Mehta’s column – Extra facilities and resources can also scorch you | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: अतिरिक्त सुविधाएं-साधन आपको झुलसा भी सकते हैं‘भारत पीछे नहीं हटा तो ट्रंप भी कोई रियायत नहीं देंगे…’, अमेरिकी सलाहकार केविन हैसेट की चेतावनी – india trump tariff warning kevin hassett ntcउत्तर भारत में साल 2013 के बाद आया सबसे अधिक वर्षा वाला मानसून, ये डाटा चौंकाएगाएक क्लिक में पढ़ें 28 अगस्त, गुरुवार की अहम खबरेंफिनलैंड के राष्ट्रपति ने PM मोदी को किया फोन, रूस-यूक्रेन जंग से जुड़ी ये अहम जानकारी दी‘कच्चातिवु श्रीलंका का हिस्सा और रहेगा…’, एक्टर विजय के बयान पर श्रीलंकाई विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया – katchatheevu dispute sri lanka foreign minister response actor vijay ntcजम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों में बारिश से भारी तबाही, वैष्णो देवी लैंडस्लाइड में 34 की मौतट्रंप के शांति के दावे की खुली पोल, भारत-पाक युद्ध और वेनेजुएला पर सवाल, देखें'धर्म की रक्षा करने से ही सब की रक्षा होती है', RSS प्रमुख मोहन भागवत का बयान
देश

‘मुझे लगता है हम भारत के साथ मिलकर काम करेंगे…’, 50% टैरिफ लागू होने के बाद बोले अमेरिकी मंत्री – us india extra tariffs 50 percent donald trump Scott Bessent ntc

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ बुधवार को लागू हो गए. इस बीच, अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने द्विपक्षीय संबंधों के बारे में बात करते हुए कहा कि ये ‘उलझा हुआ मामला’ हैं, लेकिन उन्होंने यकीन जताया कि दोनों देश ‘आखिरकार’ एक साथ आ जाएंगे.

रूसी तेल की खरीद के लिए ट्रंप द्वारा भारत पर लगाया गया एक्सट्रा 25 फीसदी टैरिफ बुधवार को लागू हो गया, जिससे नई दिल्ली पर लगाए गए शुल्कों की कुल राशि 50 फीसदी हो गई.

Fox Business के साथ एक इंटरव्यू में, बेसेंट ने कहा कि मुझे उम्मीद थी कि मई या जून तक भारत के साथ एक व्यापार समझौता हो जाएगा और उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वार्ता में नई दिल्ली का रुख ‘प्रदर्शनकारी’ रहा, जो उनके पिछले बयानों से बिल्कुल उलट था, जब उन्होंने कहा था कि वार्ता के दौरान नई दिल्ली का रुख ‘थोड़ा असहयोगी’ था.

उन्होंने कहा, “भारत ने स्वतंत्रता दिवस के तुरंत बाद टैरिफ पर बातचीत शुरू कर दी थी, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है. मुझे लगा था कि मई या जून तक हम कोई समझौता कर लेंगे. मुझे लगा था कि भारत हमारे शुरुआती समझौतों में शामिल हो सकता है और उन्होंने बातचीत में हमारा साथ दिया. रूस से कच्चे तेल की ख़रीद का पहलू भी है, जिससे वे मुनाफ़ा कमा रहे हैं.”

‘पीएम मोदी और ट्रंप के बीच…’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच संबंधों पर बातचीत करते हुए, बेसेंट ने कहा, “यह एक बहुत ही जटिल रिश्ता है. पीएम मोदी और ट्रंप के बीच इस लेवल पर बहुत अच्छे संबंध हैं. मुझे लगता है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, आखिरकार हम एक साथ आएंगे.”

बेसेंट ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अमेरिका का भारत के साथ बड़ा व्यापार घाटा है और कहा कि नई दिल्ली अमेरिकी वस्तुओं पर ‘बहुत ज़्यादा’ टैरिफ लगाता है.

उन्होंने कहा, “अमेरिका घाटे वाला देश है. जब व्यापार संबंधों में दरार आती है, तो घाटे वाले देश को फायदा होता है. चिंता अधिशेष यानी सरप्लस वाले देश को होनी चाहिए. इसलिए, भारत हमें बेच रहा है. उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं और हमारा उनके साथ बहुत बड़ा घाटा है.”

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत रुपये में या ब्रिक्स देशों के साथ व्यापार करेगा, वित्त मंत्री ने रुपये के ग्लोबल रिजर्व करेंसी बनने की अटकलों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, “मुझे कई बातों की चिंता है. रुपये का रिजर्व करेंसी बनना उनमें से एक नहीं है.”

यह भी पढ़ें: अमेरिका का 50% टैरिफ मुरादाबाद के पीतल उद्योग के लिए बना चुनौती, तैयार माल गोदामों में फंसा

भारत पर बेसेंट के पिछले बयान…

इससे पहले, स्कॉट बेसेंट ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीद पर निशाना साधा था और पश्चिमी प्रतिबंधों की कीमत पर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था. उन्होंने मॉस्को से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीदने और रिफाइन्ड प्रोडक्ट्स को दोबारा बेचने की भारत की प्रथा को ‘अस्वीकार्य’ मध्यस्थता करार दिया था.

उन्होंने यूरोपीय देशों को भी संदेश दिया कि वे अभी भी भारतीय रिफाइनरियों से रिफाइन्ड प्रोडक्ट्स खरीद रहे हैं. उन्होंने उनसे अमेरिका को उपदेश देना बंद करने और वॉशिंगटन के जैसे ही रूस पर बैन लगाने की बात कही. 

इंटरव्यू के दौरान, बेसेंट ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि रुपया इस वक्त अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर के करीब है.

अमेरिका द्वारा भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की योजना की जानकारी देने वाला एक मसौदा नोटिस जारी करने के बाद, मंगलवार को शुरुआती कारोबार में रुपया 22 पैसे गिरकर 87.78 प्रति डॉलर पर आ गया.

विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ की समयसीमा को लेकर चिंताओं की वजह से आयातकों की तरफ से डॉलर की मांग में भारी गिरावट आई, जिससे रुपये की गति धीमी पड़ गई.

यह भी पढ़ें: ट्रंप को तगड़ा जवाब! अमेरिका छोड़ इन 40 देशों के साथ डील की तैयारी में भारत, बेचेगा ये सामान

अमेरिकी टैरिफ का भारत पर क्या असर होगा?

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ से 60.2 अरब अमेरिकी डॉलर के भारतीय निर्यात पर असर पड़ने की उम्मीद है. कपड़ा, ज्वेलरी, झींगा, कालीन और फर्नीचर जैसे सेक्टर्स में निर्यात में 70 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है, जिससे लाखों श्रमिक प्रभावित होंगे.

डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को भारतीय वस्तुओं पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ लगाने वाले एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया. इससे पहले, उन्होंने 1 अगस्त को नई दिल्ली द्वारा रूसी तेल की लगातार खरीद के विरोध में भारतीय वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया था.

साल 2022 में, यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की वजह से पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगा दिए थे. मॉस्को ने भारी छूट की पेशकश की और नई दिल्ली ने इस मोके का फायदा उठाया. 2024 के मध्य तक, रूस भारत के तेल आयात का 41 फीसदी आपूर्ति कर रहा था. रॉयटर्स के मुताबिक, अकेले जुलाई 2024 में, भारत ने रूस से प्रतिदिन 20 लाख बैरल से ज्यादा तेल आयात किया.

भारत ने रूस से तेल खरीद पर अभी तक कोई निर्देश जारी नहीं किया है. मॉस्को में भारत ने कहा कि भारतीय वस्तुओं पर बढ़ते अमेरिकी टैरिफ के बावजूद, भारत ‘बेस्ट डील’ की पेशकश करने वाले सोर्सेज से तेल खरीदना जारी रखेगा. भारत ने रूस से तेल आयात को लेकर पश्चिमी देशों के दोहरे मानदंडों की भी आलोचना की है, जबकि ये देश व्यापार के मामले में मॉस्को के साथ बातचीत जारी रखे हुए हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि वह किसानों, छोटे उद्योगों और घरेलू उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेंगे. सोमवार को अहमदाबाद में एक रैली में उन्होंने नागरिकों और व्यवसायों से स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देने की गुजारिश करते हुए कहा, “हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे.”

—- समाप्त —-


Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL