Pt. Vijayshankar Mehta’s column – Extra facilities and resources can also scorch you | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: अतिरिक्त सुविधाएं-साधन आपको झुलसा भी सकते हैं

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46 मिनट पहले
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पं. विजयशंकर मेहता
बड़े लोगों के बच्चे बड़े भी हो जाते हैं और बिगड़ भी जाते हैं। हम युवा पीढ़ी को समझाएं कि यदि आपको धन, शिक्षा, मौज-मस्ती में परिवार से समर्थन मिल रहा है तो उसके दुरुपयोग से बचना। रामकथा में जब वानर सीता जी की खोज में गए तो उन्हें समुद्र तट पर सम्पाति मिला, जो जटायु का बड़ा भाई था।
सम्पाति ने कहा मैं बंदरों को खाऊंगा तो वानरों ने बताया कि हम किस सद्कार्य के लिए जा रहे हैं और तुम्हारे भाई ने सीता की रक्षा के लिए अपने प्राण दे दिए। तो सम्पाति जो घटना सुनाते हैं, वो आज की पीढ़ी के लिए उपयोगी है। सम्पाति कहते हैं हम दोनों भाई सूर्य की परीक्षा के लिए सूर्य की ओर उड़े। हमारे पंख जले।
जटायु लौट आए पर मैं घायल होकर आज तक पड़ा हूं। ये दोनों सूरज के सारथि अरुण के बेटे थे और गरुड़ के बड़े भाई थे अरुण। सूरज का सात घोड़े वाला रथ अरुण चलाते हैं। सूर्य के सारथि अरुण के बेटे सूर्य से ही जल गए। इसलिए, बच्चों को समझना होगा कि अगर आप को सुविधाएं-साधन मिल रहे हैं, तो वो आपको झुलसा भी सकते हैं। ऊंची उड़ान उड़ें पर अपने पंख सम्भालके रखें।
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