Friday 18/ 04/ 2025 

पाकिस्तान की जेल में यूपी के शख्स की मौत, जौनपुर लाया जाएगा मृतक का शवशुक्रवार 18 अप्रैल को कैसा रहेगा मौसम, जानें कहां कितना रहेगा अधिकतम तापमानभाजपा नेता दिलीप घोष करेंगे शादी, जानें दुल्हन के बारे में खास बातेंउपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका पर उठाए सवाल, बोले- आर्टिकल 142 न्यूक्लियर मिसाइल बन गया हैवक्फ कानून पर विवाद के बीच PM मोदी से मिले दाऊदी बोहरा समुदाय के लोग, कहा- ‘शुक्रिया’50 करोड़ रुपये में कुत्ता खरीदने का दावा पड़ा भारी, घर पहुंच गई ED, जानें फिर क्या हुआ?India Vs Pak: उदारवादी भारत से हर बार टकराई पाकिस्तान की कट्टरवादी सोच, जयशंकर और मुनीर के ताजा बयानों से समझ आ जाएगा अंतरदैनिक भास्कर के खिलाफ भाजपा नेता नलिन कोहली की जीत, स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है मामलाRajat Sharma’s Blog | वक्फ कानून : सबकी नज़र ..सुप्रीम कोर्ट परसंघ प्रमुख मोहन भागवत ‘द हिन्दू मैनीफेस्टो’ पुस्तक का करेंगे विमोचन, 26 अप्रैल को दिल्ली में होगा कार्यक्रम
देश

फर्जी डिग्रियां, चोरी का आरोप, इस ‘नकली’ डॉक्टर की असली धोखाधड़ी की कहानी सुन हो जाएंगे हैरान

Dr N John Kamm
Image Source : FILE PHOTO
फर्जी डॉक्टर की असली कहानी

नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ ​​डॉक्टर एन जॉन कैम ने खुद को ब्रिटेन से लौटे हृदय रोग विशेषज्ञ बताया और बिना वैध मेडिकल लाइसेंस के दमोह के मिशन अस्पताल में दर्जनों मरीजों का इलाज कर दिया। डॉक्टर एन जॉन कैम ने कथित तौर पर 45 दिनों में 15 सर्जरी की थी जिसमें से सात मरीजों की मौत हो गई थी। इसके बाद हड़कंप मच गया और उसकी फ्रॉडगिरी का पर्दाफाश हुआ और अब उसे पांच दिनों तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उसकी गिरफ्तारी होने से उसके बारे में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। 

फर्जी रखा नाम, मरीजों की जान डाली खतरे में

नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने मिशन अस्पताल, दमोह में ऑपरेशन करने के लिए डॉ. एन जॉन काम नाम अपनाया था। इस फर्जी डॉक्टर पर न केवल जालसाजी, धोखाधड़ी और लोगों की जान को खतरे में डालने का आरोप है, बल्कि अस्पताल ने भी उस पर उपकरणों की चोरी का आरोप लगाया है। उसपर अस्पताल के पोर्टेबल इको मशीन को चुराने का आरोप लगा है जिसकी कीमत पांच से सात लाख रुपये बताई गई है। इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई है।

एमबीबीएस का रजिस्ट्रेशन नंबर भी गलत

इस डॉक्टर के एमबीबीएस का रजिस्ट्रेशन नंबर एक महिला डॉक्टर का है और अन्य डिग्रियं के लिए भी कोई विश्वसनीय रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने पुष्टि की और बताया कि, “इसकी डिग्री फर्जी और छेड़छाड़ की गई प्रतीत होती है। उसके मोबाइल, टैबलेट और यहां तक ​​कि ईमेल से भी पता चलता है कि उसकी पहचान फर्जी है। वह संभवत: सात या आठ साल से मध्यप्रदेश में डॉक्टर बनकर काम कर रहा है। हम इस बारे में उससे कड़ी पूछताछ कर रहे हैं।”

सीएमओ ने मांगा स्पष्टीकरण

जानकारी के मुताबिक साल 2006 में इस फर्जी डॉक्टर ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला का अपोलो अस्पताल में ऑपरेशन किया था। सूत्रों ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान आठ मरीजों की मौत हो गई थी। उस समय भी जांच में इसकी फर्जी एमबीबीएस डिग्री की शंका हुई थी।

छत्तीसगढ़ में बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद तिवारी ने अब अपोलो अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की है। अस्पताल प्रबंधन को औपचारिक नोटिस जारी कर फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति पर विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा गया है। अस्पताल से उसकी शैक्षणिक योग्यता के सभी दस्तावेज जमा करने और यह स्पष्ट करने को कहा गया है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सहित कई मरीजों की मौत के मामले में उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। 

अधिकारी ने पुष्टि की, “हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि एजेंसी से लेकर अस्पताल के अधिकारी तक कौन जिम्मेदार है। सीएमएचओ का बयान भी दर्ज किया जाएगा।” यह मामला अस्पताल की सत्यापन प्रक्रिया से लेकर मेडिकल काउंसिल की उचित तत्परता की कमी और अपने प्रियजनों के नुकसान पर शोक मना रहे परिवारों के गलत भरोसे तक फैली प्रणालीगत विफलता को उजागर करता है।

ये भी पढ़ें:
मध्य प्रदेश: फर्जी हार्ट स्पेशलिस्ट को पुलिस ने किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

फर्जी हृदय रोग विशेषज्ञ ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का किया था इलाज, इसके बाद चली गई थी जान, जानिए कैसा खुला मामला?

Latest India News




Source link

Check Also
Close

nais