Saturday 19/ 04/ 2025 

कर्नाटक में परीक्षा के दौरान जनेऊ और कलावा उतरवाने के मामले में बड़ा एक्शन, एग्जाम अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्जमौसम ने ली करवट, दिल्ली-UP समेत इन हिस्सों में आज बारिश होगी या आंधी-तूफान का रहेगा असर! जानिए IMD का ताजा अपडेटकेदारनाथ धाम पहुंची मंदिर समिति की टीम, 2 मई से भक्तों के लिए खुलेंगे कपाट, बद्रीनाथ धाम में दर्शन 4 मई सेछत से सीधा चारदीवारी की नुकीली ग्रिल पर गिरा बच्चा, शरीर के आर-पार हुई छड़, AIIMS में भर्ती‘पहले चमत्कार देखोगे फिर नमस्कार करोगे या’…गोल्डी बरार के नाम से बिजनेसमैन को मिली धमकी‘महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी हमारे नायक हैं, औरंगजेब नहीं’- राजनाथ सिंह का बयाननहीं थम रहा है आवारा कुत्तों का आतंक, अब 18 महीने की बच्ची को नोचकर मार डाला‘नहीं टूटेगा, मेड इन इंडिया’, टैब की मजबूती देख खुश हुए अश्विनी वैष्णव, शेयर किया वीडियोमौसम विभाग ने की दिल्ली में बारिश की भविष्यवाणी, शुक्रवार को मौसम ने अचानक ली करवटनया विदेशी कानून गलत है और भारतीयता के खिलाफ है: अभिषेक मनु सिंघवी
देश

Rajat Sharma’s Blog | वक्फ कानून : सबकी नज़र ..सुप्रीम कोर्ट पर

Rajat sharma, INDIA TV
Image Source : INDIA TV
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

वक्फ एक्ट के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने कहा कि नए वक्फ एक्ट के ज्यादातर प्रावधान अच्छे हैं, लेकिन तीन प्रावधानों पर सरकार को सफाई देनी होगी। वक्फ कानून का विरोध करने वालों से भी सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि नया कानून किस तरह से मुसलमानों के बुनियादी हकों का हनन करता है। सरकार से कोर्ट ने कई सवाल पूछे..जैसे कलेक्टर को इतने अधिकार क्यों दिए ? वक्फ बाई यूजर प्रोविजन खत्म करने का क्या असर होगा ? वक्फ कानून को चुनौती देने  वालों को उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही दिन इस कानून पर रोक लगा देगा पर ऐसा हुआ नहीं। वादियों को सिर्फ इस बात पर संतोष करना पड़ा कि कोर्ट ने सरकार से सख्त सवाल पूछे। कोर्ट ने वक्फ कानून के  विरोधियों की चितांओं पर गौर किया। ऐसा लगा कि सुप्रीम कोर्ट वक्फ कानून पर कोई अन्तरिम आदेश जारी कर सकता है। ये आदेश मोटे तौर पर तीन मुद्दों पर हो सकता है। एक, वक्फ कौंसिल और बोर्ड  में Non Muslims की नियुक्ति पर, दूसरा, वक्फ के नए कानून में कलेक्टर के रोल और अधिकारों पर, और तीसरा, वक्फ की प्रॉपर्टी De-notify करने के सरकार के अधिकार पर। लेकिन अभी तो बहस का शुरुआती दौर है। इस केस में  करीब सौ पिटिशंस हैं.मौलाना महमूद मदनी और असदुद्दीन औवैसी जैसे लोग वादी हैं। बहुत सारे बड़े-बड़े वकील हैं, अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, राजीव शकधर, संजय हेगड़े, हुजैफा अहमदी, राजीव धवन, ये सब बड़े वकील हैं। इनको सुनना होगा। वक्फ प्रॉपर्टीज को लेकर 40 हजार से ज्यादा मामले कोर्ट में लम्बित है। इनमें से दस हजार केस तो मुसलमानों ने फाइल किया है और वक्फ बोर्ड पर उनकी पर्सनल प्रॉपर्टी पर कब्जे का आरोप लगाया है। बाकी तीस हजार केस सरकारी संपत्तियों को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित करने के हैं। सैकड़ों साल पुराने मंदिरों को वक्फ प्रॉपर्टी घोषित करने का केस भी है। इसलिए सुनवाई लंबी चलेगी। एक समस्या ये भी है कि चीफ जस्टिस संजीव खन्ना जो इस केस की सुनवाई कर रहे हैं, 13 मई को रिटायर हो जाएंगे। उन्होंने आने वाले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के लिए जस्टिस बी.आर.गवई का नाम सरकार को भेज दिया। सवाल ये है कि अगर 13 मई तक सुनवाई पूरी नहीं हुई तो क्या होगा? क्या नई बेंच पूरे केस को फिर से सुनेगी? सुप्रीम कोर्ट ने एक अच्छा काम ये किया कि पश्चिम बंगाल में वक्फ के कानून को लेकर हिंसा करने वालों को चेतावनी दी और कहा कि जब कोर्ट इसकी सुनवाई कर रही है तो हिंसा करने का क्या मतलब।

बंगाल में हिंसा पर सियासत  : किस को फायदा ?

जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, उस वक्त भी पश्चिम बंगाल में हिंसा हुई। मुर्शिदाबाद में कुछ दुकाने जलाईं गईं, फिर कुछ घरों पर पथराव हुआ। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इमामों के एक सम्मेलन में  कहा कि बंगाल में हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, दंगा करने वालों के खिलाफ पुलिस  सख्त एक्शन लेगी। इसके बाद ममता बनर्जी ने बंगाल में हो रही हिंसा को बीजेपी की साजिश करार दिया। पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को लेकर मैंने तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं के बयान सुने हैं। किसी ने कहा कि बीजेपी के इशारे पर बांग्लादेश से लोग आए और हिंसा करके भाग गए लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि हिंसा करने वाले बांग्लादेशियों को पुलिस ने पकड़ा क्यों नहीं ? किसी ने कहा कि हिंसा करने वाले अच्छी खासी हिंदी बोल रहे थे, बीजेपी, बिहार से ट्रक भर-भरकर लाई और दंगा करवाया। अब इन लोगों से कोई पूछे कि जब बिहार से लोग ट्रकों में भर भरकर आ रहे थे, दंगा कर रहे थे तो बंगाल की पुलिस को कुछ दिखाई क्यों नहीं दिया? बीजेपी के नेता भी कम नहीं हैं। शुभेंदु अधिकारी योगी आदित्यनाथ का डर दिखा रहे हैं।राजनीति दोनों तरफ से हो रही है।आग दोनों तरफ लगी है।उसे बुझाने में किसी की दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि सब इस आग में अपना फायदा देख रहे हैं। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 16 अप्रैल, 2025 का पूरा एपिसोड

Latest India News




Source link

Check Also
Close

nais