‘महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी हमारे नायक हैं, औरंगजेब नहीं’- राजनाथ सिंह का बयान


राजनाथ सिंह ने किया महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में शुक्रवार को महान योद्धा और मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप इतिहास के ऐसे महानायक हैं जिन्होंने अपनी मातृभूमि के ‘मान, सम्मान और स्वाभिमान’ की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि यहां लगाई गई यह प्रतिमा सिर्फ पत्थर या किसी धातु से बनी मूर्ति भर नहीं है। यह हम सभी के लिए प्रेरणा स्थल है और आने वाली पीढ़ियों के लिए साहस, शौर्य, पराक्रम और देशभक्ति का स्मारक है। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने औरंगजेब को लेकर भी बात की और कहा कि कुछ लोग औरंगजेब को हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
महाराणा प्रताप अपने लिए नहीं लड़े थे- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने छत्रपति संभाजीनगर में कहा कि जब किसी राष्ट्र की स्वतंत्रता तथा संस्कृति पर कोई बुरी नजर से देखता है, तो कोई न कोई महापुरुष इस संकट को दूर करने के लिए धरती पर अवतरित होता है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जी महाराज और छत्रपति संभाजी जी महाराज जैसे वीरों का पूरा जीवन ही इस बात का प्रमाण है। महाराणा प्रताप अपने लिए नहीं लड़े थे। वो चाहते तो अकबर का आधिपत्य स्वीकार करके, सुख चैन से रह सकते थे। लेकिन अधीनता स्वीकार करना उनके खून में ही नहीं था और उन्होंने मुग़लिया सल्तनत को चुनौती दे डाली।
महाराणा प्रताप की सेना में मुस्लिम भी थे- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वालों में जहाँ भामाशाह जैसे धनी लोगों का नाम आता है, वहीं आदिवासी और गिरिवासी समाज ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उनका साथ देने वाले आदिवासी परिवारों के वंशज आज राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और यहां तक कि कर्नाटक और अन्य की राज्यों में भी पाए जाते हैं। महाराणा प्रताप की सेना में राजपूतों के अलावा आदिवासी समाज, कृषक समाज और यहां तक कि मुस्लिम समाज के भी लोग शामिल थे। कौन भूल सकता है, हकीम खान सूर की बहादुरी को जिन्होंने 1576 में हल्दी घाटी की लड़ाई में वीर गति प्राप्त की।
औरंगजेब को हीरो बनाने की कोशिश- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐतिहासिक पुरूषों के योगदान का मूल्यांकन करने का काम इतिहासकारों का है, जो उन्होंने महाराणा प्रताप के मामले में जैसा करना चाहिए था, नहीं किया। मगर इस बात से कोई इंकार नही कर सकता कि इस देश के जनमानस ने महाराणा प्रताप को अपना ‘जननायक’ माना हुआ है। हमारे इतिहास की किताबों में औरंगज़ेब जैसे क्रूर और निर्दयी शासक को भी Gilorify करके पेश किया गया। इसी गलत इतिहास की वजह से कुछ लोग औरंगजेब को हीरो बनाने की कोशिश करते है। बिना सच्चाई जाने औरंगजेब के प्रति सहानुभूति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।
पंडित नेहरू ने भी औरंगजेब को कट्टर कहा- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू ने औरंगजेब को एक कट्टर और धर्मांध शासक कहा है। उन्होंने लिखा है कि उसने हिंदुओं पर जजिया कर लगाया। राजपूत, सिख, मराठा, राष्ट्रकूट आदि सभी के दमन का प्रयास किया। उसने हमारे कई हिंदू मंदिरों को नष्ट किया। ऐसा शासक कैसे किसी का भी हीरो हो सकता है। ऐसे लोग कभी भी दारा शिकोह की बात नहीं करते हैं जिसने उपनिषदों का अनुवाद कराया। दारा शिकोह की हत्या किसने कराई? औरंगजेब ने कराई थी। औरंगजेब ने दारा शिकोह को विधर्मी करार कर दिया था। औरंगजेब द्वारा दारा शिकोह की हत्या के पीछे सत्ता के अलावा सनातन संस्कृति के प्रति घृणा भी थी।
पाकिस्तान की मिसाइलें बाबर, गजनवी के नाम पर- राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान में बाबर, तैमूर, औरंगजेब, गजनवी की तारीफ होती है। यह समझ में आता है क्योंकि पाकिस्तान की नीति भारत विरोधी हैं। पाकिस्तान ने जो मिसाइलें बनाई हैं, उनके नाम बाबर, गजनवी जैसे आक्रमणकारियों के नाम पर रखे गए हैं। हम पाकिस्तान के भारत विरोध को समझते हैं लेकिन इन लोगों की क्या मजबूरी है? क्या उन्हें लगता है कि बाबर, तैमूर, औरंगजेब, गजनवी का समर्थन करके उन्हें मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिल जाएगा? ऐसा करके वे देश के मुस्लिम समुदाय का भी अपमान कर रहे हैं।
महाराणा और छत्रपति शिवाजी हमारे नायक- राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि हम मजहब की राजनीति नहीं करते हैं। हमारे लिए सभी भारतीय समान हैं। यही हमारा संस्कार है। यही हमारा विचार है। यह बात हमने अपने पूर्वजों से सीखी है। हमारे आराध्य छत्रपति शिवाजी महाराज से सीखी है। महाराणा प्रताप से सीखी है। हमारे आदर्श इस्लाम और मुसलमान विरोधी बिल्कुल नहीं थे। हकीम खान सूरी हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के साथ और मुग़लों के खिलाफ लड़े। छत्रपति शिवाजी महाराज की सेना में भी मुस्लिम समाज के लोग थे। छत्रपति शिवाजी महाराज के अंगरक्षकों में सबसे भरोसेमंद सेवक मदारी नामक एक मुस्लिम युवक था। ऐसे महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे नायक हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप को अपना आदर्श मानते थे। शिवाजी महाराज ने महाराणा प्रताप की गुरिल्ला युद्ध प्रणाली से प्रेरणा ली थी। बहुत आदर सम्मान से महाराणा प्रताप के पोते से शिवाजी महाराज ने उनका चित्र भी मँगवाया था। महाराणा प्रताप हमारे स्वतंत्रता संग्राम में भी बहुत लोगों के नायक और प्रेरणा स्रोत थे। रास बिहारी बोस, नेताजी सुभाष चंद्रबोस एवं अन्य युवा क्रांतिकारी महाराणा प्रताप के जीवन से हमेशा प्रेरणा लेते थे
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