Rajat Sharma’s Blog | भारतीय सेना की पहुँच पाकिस्तान के हर कोने तक है!


इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।
Army Air Defence के महानिदेशक ले. जनरल सुमेर इवान डीकुन्हा ने पहली बार ये खुलासा किया है कि पाकिस्तानी फौज अपना मुख्यालय भले ही रावलपिंडी से पेशावर या अफगानिस्तान या ईरान की सीमा तक ले जाए, वह भारत की सेना की मिसाइल्स की रेंज से बाहर नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के पास ऐसे पर्याप्त हथियार हैं जिनसे वह पाकिस्तान के किसी भी कोने तक मार कर सकती है। ले. जनरल ने कहा कि भले ही पाक सेना अपना मुख्यालय कहीं भी ले जाए, उसे अपने बचाव के लिए काफी गहराई में कोई गड्ढा ढूंढना पड़ेगा।
ऑपरेशन सिंदूर के बारे में ले. जनरल डीकुन्हा ने जो बातें बताईं, उन्हें सुनकर आप चौंक जाएंगे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई कैसे करेगा, इसकी सटीक सूचना हमारी फौज के पास थी, इसीलिए हर ड्रोन और मिसाइल को नाकाम कर गिरा दिया गया। हमारी फौज को पता था कि पाकिस्तान कितने ड्रोन भेजेगा और कहां से भेजेगा, ये भी पता था कि पाकिस्तान की वायु सेना डर के मारे अपने फाइटर और बमवर्षक विमान नहीं उड़ाएगी। हमारी सेना को पता था कि पाकिस्तान कौन सी मिसाइल से हमला करेगा, कहां निशाना लगाएगा।
मैं एक और हैरान करने वाली बात बताता हूं। 8 मई से दस मई के बीच रोज रात नौ बजे हमारे आसमान में पाकिस्तान की तरफ से भेजे गए सैकड़ों ड्रोन्स दिखाई देते थे और फिर हम देखते थे कि कैसे टिम टिम करके उन्हें आसमान में तबाह किया गया, ये कमाल हमारे एयर डिफेंस ने किया। एक-एक पाकिस्तानी ड्रोन को चुन-चुनकर सटीक निशाना लगाकर मार गिराया।
लेफ्टिनेंट जनरल डीकुन्हा ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना के लिए भावी चुनौतियों से मुकाबला करने की प्रैक्टिस जैसा था। उन्होंने कहा कि पहले एक फाइटर जेट आता था, एक, दो या चार मिसाइल्स फायर होती थी लेकिन अब तो एक साथ सैकड़ों ड्रोन्स से हमला किया जा सकता है और ड्रोन्स को मारने के लिए मिसाइल्स का इस्तेमाल तो नहीं कर सकते, इसलिए अब नई टेक्नोलॉजी के हिसाब से भारत की सेना ने रणनीति बदली है।
पाकिस्तान का ड्रोन हमला 8 मई की रात नौ बजे शुरू हुआ लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हमारी फौज इससे 10 दिन पहले पाकिस्तानी ड्रोन्स को मार गिराने की प्रैक्टिस कर चुकी थी। हमारी सेना ने 26, 27 और 28 अप्रैल को ही अपने एयर डिफेंस सिस्टम को परख लिया था। लेफ्टिनेंट जनरल डीकुन्हा ने बताया कि पाकिस्तान के साथ हमारी सरहद करीब साढ़े तीन हजार किलोमीटर की है। पूरी सीमा पर तो जवानों या हथियारों की तैनाती नहीं की जा सकती लेकिन हमारी फौज को पता था कि पाकिस्तान सीमा के किन इलाकों को निशाना बना सकता है इसीलिए हमारी सेना ने उन्हीं इलाकों में एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह सक्रिय किया, जहां हमला होने वाला था। ये तरकीब भी काम आई।
लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा की बात सुनकर ये तो साबित हो गया कि हमारी सेना पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। आधुनिक युद्धकला में हमारी बहादुर फौज का कोई मुकाबला नहीं। हमारी सेना को प्रधानमंत्री ने फ्री हैंड दिया इसीलिए वो खुलकर प्लान कर पाए और दुश्मन को तबाह कर पाए।
सबसे बड़ी बात है कि हमारी सेनाओं की इंटेलिजेंस कमाल की थी। उन्हें सब पता था, पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों का सही पता मालूम था। पाकिस्तान कैसे जवाबी हमले करेगा, ये भी पता था। ड्रोन कहां से आएंगे, कितने आएंगे, ये भी अच्छी तरह मालूम था। पाकिस्तान डर के मारे अपने विमान नहीं उड़ाएगा, इसकी भी सूचना थी। हमारी सेना का लक्ष्य था, पहले पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम उड़ाना, फिर उसके एयरबेस पर हमला करना। ये भी भारतीय सेना ने पहले से प्लान कर लिया था। हमारी सेना के बड़े जनरलों को बिलकुल पता था कि पाकिस्तानी फौज के जनरल्स का दिमाग कैसे काम करता है। इसीलिए भारतीय सेना का हर हमला सटीक और नियंत्रित था। एयर डिफेंस सिस्टम ऐसा था कि पाकिस्तान के एक-एक ड्रोन, एक-एक मिसाइल को नष्ट कर दिया।
पुराने और नए सिस्टम के सम्मिश्रण से हमारी सेना ने साबित कर दिया कि रणनीति बनाने में उससे बेहतर कोई नहीं। आज पूरे देश को विश्वास है कि आने वाले किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है, सक्षम है, तत्पर है। (रजत शर्मा)
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