Sunday 12/ 10/ 2025 

दुर्गापुर गैंगरेप: CM ममता का विवादित बयान, जानें…नीतीश Vs तेजस्वी में किसको चुनेंगे युवा?दादा Amitabh Bachchan संग चहकती दिखीं लिटिल आराध्या!'ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत कदम, इंदिरा गांधी ने जान देकर चुकाई कीमत', पी चिदंबरम का बड़ा बयानदुनिया आजतक: गोलीबारी से दहला अमेरिका का स्कूल, 4 लोगों की मौत6 दिन बाद भी IPS पूरन का अंतिम संस्कार नहीं, हरियाणा सरकार ले सकती है बड़ा फैसला – ips puran kumar suicide case haryana cabinet family demand lclkबिहार: NDA में आज सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर, जेडीयू कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा पहुंचे दिल्ली – bihar election sanjay jha nda meeting nitish tejashwi lclkअगले पांच दिनों तक देश के इस हिस्से में होगी मूसलाधार बारिश, किन इलाकों में 15 अक्टूबर से बढ़ जाएगी ठंड? जानें मौसम का हाललखनऊ: दोस्त को पीटकर भगाया, फिर नाबालिग दलित लड़की से 5 युवकों ने किया गैंगरेप – Lucknow 5 men gang rape with minor dalit girl lclyN. Raghuraman’s column: You shine the most in your own form | एन. रघुरामन का कॉलम: आप ‘अपने रूप’ में ही सबसे ज्यादा दमकते हैं
देश

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा रहीं विंग कमांडर को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सेवा मुक्त न करने का दिया आदेश

supreme court
Image Source : FILE PHOTO
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र और भारतीय वायुसेना को निर्देश दिया कि वे उस महिला अफसर को सेवा से मुक्त न करें जो ‘ऑपरेशन बालाकोट’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हिस्सा थीं, लेकिन उन्हें स्थायी कमीशन देने से इनकार कर दिया गया था। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की एक बेंच ने विंग कमांडर निकिता पांडे की याचिका पर केंद्र और भारतीय वायुसेना से जवाब मांगा है, जिन्होंने स्थायी कमीशन न दिए जाने को भेदभावपूर्ण बताया है।

‘देश के लिए बहुत बड़ी संपत्ति है सेना’

बेंच ने भारतीय वायुसेना को एक पेशेवर बल बताया और कहा कि सेवा में अनिश्चितता ऐसे अधिकारियों के लिए अच्छी बात नहीं है। जस्टिस कांत ने कहा, हमारी वायुसेना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ संगठनों में से एक है। अधिकारी बहुत सराहनीय हैं। उन्होंने जिस तरह का समन्वय दिखाया है, वह बेमिसाल है। इसलिए हम हमेशा उन्हें सलाम करते हैं। वे देश के लिए बहुत बड़ी संपत्ति हैं। एक अर्थ में वे ही राष्ट्र हैं। उनकी वजह से ही हम रात को सो पाते हैं।

बेंच ने कहा कि ‘शॉर्ट सर्विस कमीशन’ (एसएससी) अधिकारियों के लिए कठिन जीवन उनकी भर्ती के बाद से शुरू हो गया था जिसमें उन्हें स्थायी कमीशन देने के लिए 10 या 15 साल बाद कुछ प्रोत्साहन देने की बात कही गई थी। जस्टिस कांत ने कहा, ‘‘अनिश्चितता की यह भावना आर्म्ड फोर्सेज के लिए अच्छी नहीं हो सकती। यह आम आदमी का एक सुझाव है, क्योंकि हम विशेषज्ञ नहीं हैं। न्यूनतम मानदंडों पर कोई समझौता नहीं हो सकता।’’

क्या है विंग कमांडर का मामला?

महिला अधिकारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि उनकी मुवक्किल एक विशेषज्ञ लड़ाकू नियंत्रक थी, जिसने एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (आईएसीसीएस) में एक विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया था, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘ऑपरेशन बालाकोट’ के लिए तैनात किया गया था।

विंग कमांडर को सेवा मुक्त न करने का आदेश

बेंच ने केंद्र और भारतीय वायुसेना की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से अधिकारी को स्थायी कमीशन न देने का कारण पूछा। भाटी ने बताया कि वह स्वयं आर्म्ड फोर्सेज की पृष्ठभूमि से हैं, इसलिए वे ऐसे अधिकारियों की स्थिति से परिचित हैं, लेकिन उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता को चयन बोर्ड द्वारा अयोग्य पाया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने कोई प्रतिवेदन दाखिल किए बिना सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और बेंच को सूचित किया कि दूसरा चयन बोर्ड उनके मामले पर विचार करेगा। बेंच ने पांडे को अगले आदेश तक सेवा से मुक्त न करने का आदेश दिया और सुनवाई 6 अगस्त के लिए स्थगित कर दी। (भाषा इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-

सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल ने जापान और UAE को दी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी, पाकिस्तान की खोली पोल

“अगर आतंकवादी पाकिस्तान में हैं, तो उन्हें वहीं मारेंगे”, एस जयशंकर की सीधी चेतावनी- ऑपरेशन सिंदूर जारी है

Latest India News




Source link

Check Also
Close



DEWATOGEL