N. Raghuraman’s column – Do you know how the world is running convenience stores by ‘instantiating’ | एन. रघुरामन का कॉलम: आप जानते हैं दुनिया कैसे ‘इन्स्टेंटाइजिंग’ से कन्वीनिएंस स्टोर चला रही है

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10 घंटे पहले
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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु
दुनिया के कई हिस्सों में कन्वीनिएंस स्टोर ऐसी दुकानें हैं, जहां आप लॉन्ड्री और सोडा के अलावा रसोई और पर्सनल ग्रूमिंग संबंधी सामान खरीदते हैं। कुछ चुनिंदा जगहों पर सिगरेट भी मिलती है। लेकिन दक्षिण कोरिया में आप सिंगल माल्ट व्हिस्की, 700-900 डॉलर की फ्रेंच वाइन भी खरीद सकते हैं।
अगर आपको लगता है कि इसमें नया क्या है, तो ठहरिए। आप मोबाइल फोन रिचार्ज कर सकते हैं, टेलीविजन और यहां तक कि 24 कैरेट गोल्ड बार भी खरीद सकते हैं। ये स्टोर यहीं नहीं रुकते। एक ग्राहक के तौर पर आप डेबिट कार्ड के लिए साइन-अप कर सकते हैं। 200 प्रकार के इन्स्टेंट नूडल परोसने वाले बार में भोजन कर सकते हैं। और भी कई सारी अचंभित करने वाली चीजें कर सकते हैं।
ये स्टोर अपने ‘इन्स्टेंटाइजिंग फूड’ यानी झटपट भोजन तैयार करने के लिए सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं। जब आप स्टोर के किसी कोने में अपने कपड़े धोने और सुखाने का इंतजार कर रहे होते हैं, वे स्टोर से कोई भी कच्चा माल चुनकर उसे पैकेज्ड फूड में बदल सकते हैं।
हर हफ्ते कम से कम 70 नए खाद्य उत्पाद स्टोर में आते हैं, जिससे वहां का खाद्य उद्योग 25 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। दक्षिण कोरिया के फूड रिटेल मार्केट में यदि आप बदलावों को तत्काल नहीं अपना सकते तो आप गायब हो जाएंगे।
उस देश में कन्वीनिएंस स्टोर के आलोचक भी हैं, जो इनका दौरा करते हैं। कहां से, क्या नया खरीदें, इस मामले में ये इन्फ्लुएंसर्स बन चुके हैं। इस विषय पर टीवी शो और अखबारों में साक्षात्कार होते हैं, क्योंकि यह रोचक और लोगों के बीच गपशप का विषय बन गया है। इन कन्वीनिएंस स्टोर्स की खाने-पीने की चीजों पर लिखी गईं किताबें खूब बिक रही हैं। संक्षेप में, जहां तक उपभोग की वस्तुओं की बात है तो दुनिया बहुत तेजी से बदल रही है।
इसी तरह, जब फास्ट फूड ब्रांड सब-वे ने चीन के शंघाई में अपना 1000वां आउटलेट खोला तो इसने बहुत लोगों का ध्यान खींचा। इसलिए नहीं कि यह ब्रांड नया है, बल्कि पूरे चीन में आउटलेट खोलने की रफ्तार के कारण, जिसने दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश की खान-पान की आदतों को बदल दिया। इसने 1995 में शुरुआत की थी और 2023 तक 28 वर्षों में इसके केवल 500 स्टोर खुले।
इसके विपरीत, मैकडॉनल्ड्स, पिज्जा हट और केएफसी ने तेजी से बढ़ रहे उस मध्यम-आय वर्ग से पैसा कमाते हुए हजारों स्टोर खोल दिए, जो ताजा खाना तो चाहता है, लेकिन बनाना नहीं चाहता। इधर, सब-वे ने दो साल में 500 नए स्टोर और इस साल के अंत तक 300 और नई शाखाएं खोल दीं। इस प्रकार, 4 हजार स्टोर खोलने के पहले चरण को पूरा करने की उसकी गति ने खाद्य उद्योग को अचंभे में डाल दिया।
होंगकैन इंडस्ट्री रिसर्च इंस्टीट्यूट की पश्चिमी फास्ट फूड उद्योग पर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अकेले चीन में ऐसे आउटलेट्स की संख्या 3.25 लाख तक पहुंच गई है, जो साल-दर-साल 6.6% की दर से बढ़ रहे हैं। अधिकांश स्टोर साल-दर-साल बिक्री में 30% की बढ़ोतरी के साथ पहले साल से ही लाभकारी बन गए हैं।
पश्चिमी खाद्य उद्योग के हर आउटलेट का जबरदस्त प्रदर्शन इस बात का प्रमाण है कि क्विक सर्विस रेस्तरां का चलन तेजी से बढ़ रहा है। केएफसी भी पीछे नहीं है। 1300 से अधिक स्थानों पर इसके कॉफी कैफे, क्विक सर्विस रेस्तरां उद्योग के ओवरऑल ऑपरेटिंग प्रोफिट में योगदान दे रहे हैं।
डिलीवरी सेल्स में 22% की वृद्धि हो रही है, जो सबवे की कुल बिक्री का लगभग 45% है। और अकेले चीन में डिजिटल सेल्स 2.4 अरब डॉलर पहुंच गई है। मैकडॉनल्ड ने रोजाना दो नए स्टोर की गति बरकरार रखते हुए 2025 की पहली छमाही में 407 आउटलेट खोले हैं।
क्या है, जो चीन जैसे देश में ऐसे बदलाव शुरू कर रहा है? उनका परिपक्व स्टैंडर्डाइज्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (दुनिया भर में स्वाद एक जैसा रखना), सटीक मूल्य निर्धारण और सबसे बढ़ कर लगातार बदलते हुए मेनू, उन्हें सुस्त माहौल में भी स्थिर विकास करने में मदद करते हैं।
फंडा यह है कि दुनिया ‘इन्स्टेंटाइजिंग’ काल में प्रवेश कर रही है। अगर आप खुद को तेजी से बदलते हैं और उन्हें वह देते हैं, जो वे चाहते हैं- तो आपकी कमाई होती रहेगी।
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