Sunday 19/ 10/ 2025 

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1 हजार से भी कम महिला पुलिस अफसरों के कंधों पर अहम जिम्मेदारी, 90% महिलाएं जूनियर रैंक पर कार्यरत

women police
Image Source : FILE PHOTO
महिला पुलिसकर्मी

नई दिल्ली: देश के पुलिस विभाग में डीजीपी और एसपी जैसे सीनियर पदों पर 1,000 से भी कम महिलाएं हैं तथा पुलिस विभाग में 90 प्रतिशत महिलाएं कांस्टेबल के रूप में कार्यरत हैं। टाटा ट्रस्ट द्वारा कई नागरिक समाज संगठनों तथा डेटा भागीदारों की मदद से यह रिपोर्ट ‘द इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025’ तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में पुलिस विभाग, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता जैसे चार क्षेत्रों में राज्यों की स्थिति का आकलन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार कानून प्रवर्तन में लैंगिक विविधता की आवश्यकता के बारे में बढ़ती जागरूकता के बावजूद, एक भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पुलिस विभाग में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाया है।

सिर्फ 960 महिलाएं ही IPS रैंक की

रिपोर्ट में पुलिस वरिष्ठताक्रम में लैंगिक असमानताओं को भी रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार पुलिस विभाग में कुल 2.4 लाख महिला कर्मियों में से सिर्फ 960 महिलाएं ही IPS रैंक की हैं। वहीं, 24,322 महिलाएं डीएसपी, इंस्पेक्टर या सब-इंस्पेक्टर जैसे गैर-आईपीएस अधिकारी पदों पर कार्यरत हैं। आईपीएस अधिकारियों की अधिकृत संख्या 5,047 है। लगभग 2.17 लाख महिलाएं पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत हैं।

एमपी में DSP पद पर सबसे ज्यादा महिलाएं

डीएसपी के पद पर सबसे ज्यादा महिलाएं मध्य प्रदेश में हैं, जहां इनकी संख्या 133 है। रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 78 प्रतिशत पुलिस थानों में अब महिला हेल्प डेस्क हैं, 86 प्रतिशत जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा है और कानूनी सहायता पर प्रति व्यक्ति व्यय 2019 से 2023 के बीच लगभग दोगुना होकर 6.46 रुपये पर पहुंच गया है। इसी अवधि में जिला न्यायपालिका में महिलाओं की हिस्सेदारी भी बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई है। हालांकि जिला न्यायपालिका में अनुसूचित जनजातियों (ST) और अनुसूचित जातियों (SC) की हिस्सेदारी क्रमशः 5% और 14% ही है। (भाषा इनपुट्स के साथ)

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