संघ प्रमुख मोहन भागवत ‘द हिन्दू मैनीफेस्टो’ पुस्तक का करेंगे विमोचन, 26 अप्रैल को दिल्ली में होगा कार्यक्रम


मोहन भागवत
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत 26 अप्रैल को नई दिल्ली के प्रधानमंत्री संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में पुस्तक ‘द हिन्दू मैनीफेस्टो’ का विमोचन करेंगे। इस पुस्तक के लेखक विश्व हिंदू कांग्रेस के संस्थापक स्वामी विज्ञानानंद हैं। यह पुस्तक आधुनिक समय में समृद्धि, सुशासन और न्याय की दिशा में एक बदलावकारी दृष्टिकोण को सामने रखती है, जो धर्म के सिद्धांतों, वेदों, रामायण, महाभारत, अर्थशास्त्र व शुक्रनीतिसार जैसे प्राचीन हिन्दू ग्रंथों के शाश्वत ज्ञान पर आधारित है।
दो मूल स्तंभों पर आधारित है राष्ट्र की शक्ति
पुस्तक के मुताबिक किसी भी राष्ट्र की शक्ति और इसकी दीर्घकालिक स्थिरता दो मूल स्तंभों पर आधारित होती है। एक स्तंभ सशक्त बुनियादी ढांचा जो स्थिरता और विकास को सुनिश्चित करता है, और दूसरा सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत आधार जो राष्ट्र की आत्मा को दिशा देता है। यही दोनों पक्ष मिलकर इस पुस्तक के मूल दर्शन का निर्माण करते हैं।
आठ सूत्रों पर आधारित एक वैचारिक ढांचा
इस पुस्तक में कुल आठ सूत्रों पर आधारित एक वैचारिक ढांचा प्रस्तुत किया गया है। यह ढांचा समावेशी समृद्धि, राष्ट्रीय सुरक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, उत्तरदायी लोकतंत्र, नारी सम्मान, सामाजिक समरसता, प्रकृति की पवित्रता और सांस्कृतिक विरासत के सम्मान जैसे मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित है। यह पुस्तक रामराज्य की प्रेरणा से न्याय और जनकल्याण के आदर्शों पर आधारित लोकतंत्र का समर्थन करती है।
यह पुस्तक प्राचीन ज्ञान को आधुनिक सोच के साथ समन्वित कर, समाज को फिर से उन पुराने सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरूप ढालने की दिशा दिखाती है, जो बढ़ती वैश्विक व्यवस्था में भारत के पुनरुत्थान की आधारशिला बन सकते हैं। बता दें कि स्वामी विज्ञानानंद हिंदू धर्म के प्रतिष्ठित विद्वान हैं, जो संस्कृत और हिंदू दर्शन में गहरी पारंगतता रखते हैं।