Thursday 09/ 10/ 2025 

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Pt. Vijayshankar Mehta’s column – Don’t make your ego so big that it turns into anger | पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम: अहंकार को इतना बड़ा मत करिए कि वो क्रोध में बदले

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45 मिनट पहले

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पं. विजयशंकर मेहता - Dainik Bhaskar

पं. विजयशंकर मेहता

कोई कितने ही संकल्प ले ले, क्रोध छूटता नहीं है। क्रोध करने के बाद लगता है ठीक नहीं किया, पर क्रोध आता है। तो एक काम करिए- क्रोध की सीमारेखा तय करिए घर में, और घर के बाहर। घर में जाहिर है अपने ही लोगों पर गुस्सा आता होगा।

बाहर की दुनिया में यदि आपके पास नेतृत्व है तो गुस्से का रूप अलग है और यदि मातहत कार्य कर रहे हैं तो गुस्से का रूप अलग। पर आता सबको है। क्रोध से प्रेरणा भी मिल सकती है। क्योंकि क्रोध जिस ऊर्जा से सक्रिय होता है, वही संकल्प-शक्ति में बदल जाती है। क्रोध की ऊर्जा यदि विद्रोह में बदल गई तो उदासी आ जाती है।

अब दिन-ब-दिन क्रोध और बढ़ेगा। जरा-जरा सी बात पर गुस्सा आएगा नई पीढ़ी को, जिसके लक्षण दिख भी रहे हैं। तो क्रोध गिराना हो तो अपने अहंकार पर काम करिए। अकेले ही आए हैं, अकेले ही जाना है, बीच का ये जो खेल है, इसमें अहंकार को इतना बड़ा मत करिए कि वो थोड़ी-थोड़ी देर में क्रोध में बदले। क्रोध का परिणाम स्वास्थ्य, संबंध और संतान- तीनों पर बुरा ही पड़ता है।

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