Thursday 09/ 10/ 2025 

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N. Raghuraman’s column – What is the title of your lover – perfect, complete or ‘whole man’? | एन. रघुरामन का कॉलम: क्या है आपके पिया का टाइटल- परफेक्ट, कम्प्लीट या ‘होल मैन’?

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8 घंटे पहले

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एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु - Dainik Bhaskar

एन. रघुरामन, मैनेजमेंट गुरु

युगों से पूरी दुनिया में महिलाएं अपने पार्टनर के तौर पर एक ‘परफेक्ट मैन’ की तलाश में रहती हैं। फिर एक टेक्सटाइल कंपनी आई, जिसने उसके उत्पाद पहनने वाले पुरुषों को ‘कम्प्लीट मैन’ की श्रेणी में प्रदर्शित करना शुरू किया। लेकिन विश्व में महिलाएं अपनी पसंद को लेकर इससे आगे निकल चुकी हैं।

अब वे अपने पार्टनर के रूप में एक ‘होल मैन’ चाहती हैं। दुनिया भर में कई महिलाओं के लिए यह एक नया ट्रेंड बन गया है कि वे अपनी दोस्तों के बीच गुप्त रूप से अपने पति के बारे में इस नए टाइटल से बात करती हैं।

पहला गुण, जो उनमें नहीं होता, वो यह है कि वे इस विचार में विश्वास नहीं करते कि ‘यदि आप अपनी श्रेष्ठता नहीं दिखा रहे हैं तो आप लूजर हैं।’ उन्हें लगता है कि यह सोच अपने आप में बकवास है और पुरुषत्व को बढ़ावा देने वाले लोग इसे बचपन से ही थोप देते हैं।

तो ‘होल मैन’ का मतलब क्या है? कुल मिलाकर, वह अधिकांश अच्छे मानवीय गुणों वाला सर्वगुण सम्पन्न व्यक्ति है। वह मजबूत है, लेकिन चोट खाने से नहीं डरता। वह अपने रोजमर्रा के जीवन में स्मार्ट है। कभी-कभी मजाकिया भी और अन्य जीवों के प्रति दयालु है। जरूरत के मुताबिक भावुक और सहायक है, लेकिन आवश्यकता पड़ने पर मजबूत भी है।

समूह में वह मृदु स्वभाव वाले, किंतु सबसे मजबूत हैं। वे दूसरों को रुलाकर खुद को बड़ा दिखाने के बजाय दूसरों को सहज महसूस कराते हैं। यहां ‘होल मैन’ की ऐसी कुछ चुनिंदा खासियतें पेश हैं, जिन्हें महिलाएं अपने पुरुषों में देखना चाहती हैं।

1. वे लेखकों, गायकों, स्टैंड-अप कॉमेडियनों के कार्यक्रमों, पॉडकास्टरों के टॉक शो में शामिल होते हैं। खासतौर पर उनमें जो महिलाओं द्वारा आयोजित किए जाते हों। वे यह नहीं मानते कि उन्हें यह कार्यक्रम पसंद नहीं आएगा, क्योंकि यह महिलाओं द्वारा बनाया गया है। वे लिफ्ट में महिलाओं को पहले जाने देते हैं। जिस जगह भी हों, महिलाओं के लिए दरवाजा खोलते हैं।

2. ‘होल मैन’ की कई महिला मित्र होती हैं, और वे उन्हें मजाक का पात्र नहीं बनाते। उन्हें इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी पत्नियों के भी कई पुरुष मित्र हैं। वे दोस्तों के सामने अपने पार्टनर को नीचा नहीं दिखाते।

3. वे किसी विशेष खेल को पसंद करते हैं और उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि इसे पुरुष खेल रहे हैं या महिलाएं। उदाहरण के लिए, वे ऐसी डींगें नहीं मारते कि उन्हें पुरुष क्रिकेट के बारे में छोटे-छोटे आंकड़े भी पता हैं। और इस बात से भी अनजान नहीं रहते कि महिला क्रिकेट टीम की कप्तान कौन है।

4. कामकाज में वो महिला अधिकारी की असहमति से घबराते नहीं हैं। वॉशरूम में महिला बॉस के बारे में शिकायत या अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करते। अगर गलती हो जाती है तो वे इसे स्वीकार कर माफी मांग लेते हैं, बिना यह देखे कि कौन उन्हें देख रहा है या वह किसके सामने माफी मांग रहे हैं।

5. उन्हें इस बात का कोई पुरस्कार नहीं चाहिए कि वे बच्चों को स्कूल छोड़ते हैं, उनके स्पोर्ट्स-डे पर जाते हैं या बिना सूचना के होने वाली ‘डैड्स रेस’ में हिस्सा लेते हैं। वे यह सब अपने बच्चों की खुशी के लिए करते हैं।

मेरे लिए ये ‘होल मैन’ कई जगह हैं, लेकिन उन्हें इस बात का पर्याप्त श्रेय नहीं मिलता कि वे गृहस्थी को सुचारु रुप से चला रहे हैं। काम पर शांत और जानकार बनकर, सड़कों पर सभ्य और सम्मानजनक रहकर, ट्रेनों और बसों में ‘मैनस्प्रेडिंग’ (पास की सीट पर अतिक्रमण) नहीं करके, और घर पर सभी का सहयोग करके।

हां, अधिकतर ‘होल मैन’ में एक सबसे बड़ी कमी होती है, जो आमतौर पर महिलाओं को खटकती है। वे कपड़े धोना नहीं जानते। हां, वे वॉशिंग मशीन को कपड़े के हिसाब से सेट नहीं कर पाते। सूखे कपड़ों को बिना सिलवटों के स्टैंड पर नहीं टांग सकते, और सूखे कपड़ों की तह भी नहीं कर सकते। ऐसा इसलिए, क्योंकि वे चिकित्सकीय तौर पर ऐसा करने के लिए लगभग अक्षम होते हैं। खासकर, अपने साथी की पसंद के अनुरूप।

फंडा यह है कि चाहे ‘होल मैन’ को पार्टनर के रूप में पाना गर्व की बात हो, लेकिन भारतीय संस्कृति में रची-बसी महिलाएं हमेशा से एक ‘होल फैमिली’ (पूर्ण परिवार) का सपना देखती हैं। इसलिए, इसको ऐसा भी कह सकते हैं- भारतीय महिलाएं केवल ‘होल मैन’ के बजाय ‘होल फैमिली’ पसंद करती हैं।’ आपकी पसंद क्या है?

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