पहलगाम आतंकी हमले का जवाब, 48 घंटे में पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश, सिंधु नदी जल समझौता रोका गया


पीएम मोदी ने ली CCS की बैठक।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में कायराना आतंकी हमले के बाद पूरे देश में रोष का माहौल है। मंगलवार को पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार इस मुद्दे पर अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। पीएम मोदी ने बुधवार को करीब 2 घंटे तक सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक की है और पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े एक्शन लेने का फैसला किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी पहलगाम आतंकी के विरोध में पाकिस्तान पर एक्शन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और इस बारे में जानकारी दी है।
पाकिस्तान पर बड़ा स्ट्राइक
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच के सिंधु नदी जल समझौते को रोक दिया गया है। अटारी बोर्डर को भी बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।पाकिस्तान नागरिकों का वीजा बंद कर दिया गया है। इसके अलावा उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 कर दिया जायेगा।
यहां समझें भारत का एक्शन
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से रोका जाएगा जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को छोड़ता नहीं है।
- अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। जो लोग वैलिड इंडौर्समेंट के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस रास्ते से वापस आ सकते हैं।
- पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SPES वीजा को रद्द माना जाएगा। SPES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जा रहा है। उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
- भारत अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग से वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाते हैं।
सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया- “सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है। इसके साथ ही सभी फोर्स (सेनाओं) को हाई लेवल पर सतर्कता बनाए रखने को कहा गया है। CCS ने संकल्प लिया है कि पहलगाम आतंकी हमले के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को भी जवाबदेह ठहराया जाएगा। तहव्वुर राणा के हाल के प्रत्यर्पण की तरह भारत उनको लोगों की लगातार तलाश जारी रखेगा जिन्होंने आतंकी कृत्यों को अंजाम दिया है या इन्हें संभव करने की साजिश की है।” उन्होंने ये भी कहा कि ये आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में सफल चुनावों, आर्थिक वृद्धि और विकास से घबराकर किया गया है।